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CBI कोर्ट ने दो आरोपियों को 3 साल की सजा और 2 लाख रुपये के जुर्माने की सजा दी

विशाखापत्तनम में विशेष सीबीआई अदालत ने केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क (रेटी. आईआरएस अधिकारी) के पूर्व सहायक आयुक्त रयाभारपु वेंकट लक्ष्मी नरसिंह राव और उनकी पत्नी रयाभारपु गोवरी रत्नम को मामले में तीन साल की सजा और 2 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

विशाखापत्तनम में विशेष सीबीआई अदालत ने केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क (रेटी. आईआरएस अधिकारी) के पूर्व सहायक आयुक्त श्री रयाभारपु वेंकट लक्ष्मी नरसिंह राव और उनकी पत्नी श्रीमती रयाभारपु गोवरी रत्नम को अनुपातहीन संपत्ति मामले में तीन साल की सजा और कुल 2 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.

नहीं बता पाए पैसों का स्त्रोत

सीबीआई ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. आरोप था कि 01 जुलाई 2007 से 04 अगस्त 2011 के बीच श्री र.वी.एल. नरसिंह राव, जो उस समय सार्वजनिक सेवक के रूप में सीमा शुल्क विभाग में कार्यरत थे, उनके और उनकी पत्नी के नाम पर उनकी ज्ञात आय के मुकाबले लगभग 31.20 लाख रुपये की चल और अचल संपत्तियां थीं, जिन्हें वे सही तरीके से नहीं समझा पाए थे. (अनुपातहीन संपत्ति का प्रतिशत 71.81% था). श्रीमती गोवरी रत्नम ने अपने पति को अपनी संपत्तियों के नाम पर संपत्तियां अर्जित करने की अनुमति देकर अपराध को बढ़ावा दिया था.

सम्माननीय विशेष न्यायाधीश ने सीबीआई को आदेश दिया कि वह 27.57 लाख रुपये (लगभग) के अनुपातहीन संपत्तियों के बराबर संपत्तियों की जब्ती के लिए उचित कार्यवाही शुरू करे. इस फैसले से यह साफ है कि भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त सजा दी जाएगी, और ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी.

-भारत एक्सप्रेस



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