
तीस हजारी कोर्ट में चल रही ऑनलाइन सुनवाई के दौरान उस समय अजीबोगरीब स्थिति देखने को मिली जब कोर्ट में पेश एक सख्त अचानक न्यायाधीश के सामने ही सिगरेट पीने लगा, जिससे न्यायाधीश नाराज हो गए और वादी को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा गया है.
कोर्ट ने उसे 29 मार्च को कोर्ट में पेश होकर कारण बताने को कहा है. कोर्ट ने वादी से कहा कि इस हरकत के लिए उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए.
कोर्ट ने वादी से जब उससे इस बारे में स्पष्टीकरण पूछा तो कोई जवाब दिए बिना उसने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बंद कर दी. उसके वकील भी कोर्ट से सुनवाई की अगली तारीख लेकर चले गए. तीस हजारी कोर्ट के जिला जज ने 25 मार्च को अपने आदेश में लिखा कि अदालत से संबंधित आवेदक सुशील कुमार को नोटिस जारी किया जाए कि वह अगली सुनवाई की तारीख पर अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हों.
सुनवाई के दौरान बाधा डालने पर कड़ी आपत्ति
मामले की सुनवाई के दौरान सुशील कुमार मोबाइल फोन पर बात कर रहे थे, जिसे लेकर अदालत ने आपत्ति जताई और उन्हें ऐसा न करने का निर्देश दिया. क्योंकि इससे अदालत की कार्यवाही पर असर पड़ रहा था. इसके बावजूद जब उन्होंने मोबाइल पर बात करना जारी रखा, तो अदालत ने उनकी आवाज को म्यूट कर दिया.
ऐसा नही है कि इस तरह के मामले पहली बार देखने को मिल रहा है. इससे पहले भी गुजरात हाई कोर्ट में इस तरह के मामले देखने को मिल चुका है. एक मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान वकील के धूम्रपान का मामला सामने आ चुका है.
हाई कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वकील पर जुर्माना लगाया था. साथ भी वकील के इस आचरण पर निंदा की थी. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि यह कोर्ट अधिवक्ता जे. वी अजमेरा के इस आचरण पर गंभीरता से आपत्ति जताती है. साथ ही उन्हें एक सप्ताह में कोर्ट की रजिस्ट्री में जुर्माने की राशि को जमा करने का आदेश दिया था.
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-भारत एक्सप्रेस
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