
दिल्ली हाईकोर्ट पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की अपील पर 19 सितंबर को सुनवाई करेगा. अपील में पत्रकार प्रिया रमानी को आपराधिक मानहानि मामले में बरी किए जाने को चुनौती दी गई है. रमानी के एक वकील ने कोर्ट से बहस करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता के उपलब्ध नहीं रहने के आधार पर सुनवाई स्थगित करने की मांग की थी.
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने उसे स्वीकार करते हुए सुनवाई स्थगित कर दी. अकबर ने निचली अदालत के 17 फरवरी, 2021 के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें रमानी को बरी करते हुए कहा गया था कि एक महिला को दशकों बाद भी अपनी पसंद के किसी भी मंच पर शिकायत रखने का अधिकार है. कोर्ट ने 13 जनवरी, 2022 को निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अकबर की अपील पर विचार करने पर सहमति जताई थी.
अकबर की अपील में कहा गया है कि निचली अदालत ने उनके आपराधिक मानहानि मामले पर फैसला अनुमानों एवं अटकलों के आधार पर किया है. रमानी ने वर्ष 2018 में ‘मी टू’ अभियान के दौरान अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. इसके बाद अकबर ने दशकों पुराने आरोपों को लेकर कथित रूप से उन्हें बदनाम करने के लिए 15 अक्टूबर, 2018 को रमानी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने 17 अक्टूबर 2018 को विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.
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-भारत एक्सप्रेस
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