
असम में ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटालों से संबंधित मामले में आरोपी तपन उर्फ तारिक बोरा के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जुलाई में सुनवाई करेगा.यह याचिका सीबीआई की ओर से दायर की गई है. जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस मनमोहन की अवकाशकालीन पीठ ने यह आदेश दिया है.
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का किया रुख
हाल ही में गुवाहाटी हाई कोर्ट ने तपन बोरा और विशाल फुकन को जमानत दे दिया था. जिसके खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. पिछले साल 12 सितंबर में इनको गिरफ्तार किया गया था, तब से ये जेल में बंद थे. हालांकि इस घोटाले के मुख्य आरोपी तपन बोरा की पत्नी सुमी बोरा फिलहाल जेल में बंद हैं.
मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई
मामले की जांच सीआईडी कर रही थी, उसके बाद मामले को सीबीआई को सौंप दिया है. इन लोगों पर 2200 करोड़ रुपये के बड़े ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप है. सीबीआई ने 41 मामलों में से एक में 1.5 लाख निवेशकों से 260 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के लिए “ट्रेंडिंगएफएक्स” के रंजीत काकोटी के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है.
सीबीआई ने उन अधिकांश निवेशकों की पहचान के लिए फोरेंसिक जांच के आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल किया जिन्हें एक वेबसाइट “ट्रेंडिंगएफएक्स डॉट लाइव” के माध्यम से आरोपियों ने फर्जी योजना के जाल में फंसाया था.
कौन हैं सुमी बोरा?
सुमी बोरा का जन्म 9 अगस्त 1993 को डिब्रूगढ़ के बानीपुर में हुआ था. उन्होंने असम के सांस्कृतिक परिदृश्य में एक बहुमुखी व्यक्तित्व के रूप में अपना नाम बनाया है. उनकी यात्रा बिहू और सत्रिया जैसे पारंपरिक असमिया नृत्य रूपों के लिए एक गहरे जुनून के साथ शुरू हुई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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