
Chhattisgarh liquor scam case
Chhattisgarh liquor scam case: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत आरोपी छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी की ओर से दायर एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट 5 फरवरी को अगली सुनवाई करेगा. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टिन मसीह की बेंच मामले में सुनवाई कर रही हैं.
मामले की सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने ईडी द्वारा दायर हलफनामे पर सवाल उठाया है. एएसजी राजू ने कहा कि ईडी में कुछ गड़बड़ चल रही है. बिना मेरे परामर्श के एक आधा-अधूरा हलफनामा हमारे पेश होने से पहले ही दाखिल किया गया है, जिसपर कोर्ट ने कहा कि यह गंभीर मामला है.
एएसजी ने कहा कि मैं हलफनामे की जांच करना चाहता हूं. मैंने व्यक्तिगत रूप से निदेशक से कहा कि वे एक विभागीय जांच शुरू करें और संबंधित अधिकारी को अदालत में उपस्थित रहने के लिए कहे. मुझे कुछ गड़बड़ लग रहा है. विभाग में इस तरह की बात नहीं होनी चाहिए. यह उचित चैनलों द्वारा जांच किए बिना ईडी से आया है.
जानें क्या था मामला
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अरुण पति त्रिपाठी की ओर से दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने उनके कुछ व्हाट्सएप चैट पर गंभीर आपत्ति जताई, जहां उन्होंने मामले के अन्य आरोपियों के साथ आधिकारिक होलोग्राम टेंडर दस्तावेज साझा किए थे. कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि हम आपको तुरंत जमानत दे सकते थे, लेकिन हम दो कारणों से ऐसा नही कर रहे हैं.
आपको अनवर ढेबर के साथ होलोग्राम साझा करने का क्या काम था और वह फिर इसे अनिल टुटेजा को भेजता है. प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाले मामले में मई 2023 में आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और शराब कंपनी सीएसएमसीएल के पूर्व एमडी अरुण पति त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था.
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-भारत एक्सप्रेस
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