

26/11 आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को पटियाला हाउस कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने राणा की उस अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमें तहुव्वर राणा ने अपने परिवार से फोन पर बातचीत की इजाज़त मांगी थी. पटियाला हाउस कोर्ट के एनआईए कोर्ट के स्पेशल जज चंद्रजीत सिंह ने यह आदेश दिया है. एनआईए ने राणा की अर्जी का विरोध करते हुए इसे खारिज करने की मांग किया था.
एनआईए का कहना था कि राणा के खिलाफ जांच अहम चरण में है. ऐसे में अगर उसे घरवालों से बातचीत की इजाज़त मिलती है. तो वह कुछ अहम जानकारी लीक कर सकता है. मामले की सुनवाई के दौरान तहव्वुर राणा के वकील ने दलील दी थी कि एक विदेशी नागरिक के तौर पर यह उसका मौलिक अधिकार है कि वह अपने परिवार से बात करे, जो हिरासत में रहने के दौरान उसके साथ हो रहे व्यवहार को लेकर चिंतित हैं.
तहव्वुर राणा को मंजूरी देने के लिए लाया भारत
मालूम हो कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी देने के बाद उसे भारत लाया गया है. अदालती आदेश से वह पूछताछ के लिए अभी एनआईए की हिरासत में है. भारत में राणा के खिलाफ भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने, हत्या करने, जालसाजी के दो मामलों को अंजाम देने और आतंकवादी कृत्य करने सहित विभिन्न अपराधों को अंजाम देने का आरोप है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राणा को साजिशकर्ताओं एवं दुनिया के बहुत बुरे लोगों में से एक बताया है. तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. वह कनाडियाई नागरिक है. वह डेविड कोलमैन हेडली का करीबी सहयोगी है, जो 26/11 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है.
वर्ष 2023 में 14 साल की सजा पूरी करने के बाद राणा वर्तमान में लांस एंजिल्स में एक महानगरीय निरोध केंद्र में निगरानी में हिरासत में था. राणा पर पहले इलिनोइस के उत्तरी जिले के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के निचली अदालत में मुकदमा चलाया गया था, जूरी ने राणा को काउंट 12 (लश्कर-ए-तैयबा को भौतिक सहायता प्रदान करना) में दोषी ठहराया था.
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-भारत एक्सप्रेस
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