सुप्रीम कोर्ट.
2006 के नोएडा के सनसनीखेज निठारी हत्याकांड मामले में आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मार्च में सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड को पेश करने का निर्देश दिया है.
मामले की सुनवाई के दौरान सुरेंद्र कोली की ओर से पेश वकील पयोशी रॉय ने कहा कि इस मामले में अंतिम सुनवाई की जा सकती है क्योंकि यह केस मात्र एक गवाह के बयान पर आधारित है. वह भी बयान 60 दिन बाद दर्ज किया गया था जिसमें कोली ने कहा था कि उसे प्रताड़ित किया गया था. जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच पीड़ितों में से एक के पिता पप्पू लाल द्वारा दायर अपील सहित अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है.
लड़कियों की हत्या कर खाता था मांस
पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में कुछ गलतियां है. 6 अक्टूबर के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. इससे पहले सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि वो छोटी लड़कियों को बहला फुसलाकर ले जाता था और फिर उनकी हत्या कर उनका मांस भी पकाता था.
हाईकोर्ट ने पलट दी थी मौत की सजा
इस मामले में निचली अदालत ने कोली को मौत की सजा सुनाई थी, जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पलट दिया था. हाई कोर्ट ने कुछ मामलों में पंढेर और कोली को बरी कर दिया था. हाई कोर्ट ने कोली को 12 मामलों में और पंढेर को 2 मामलों में बरी कर दिया था, जबकि उन्हें पहले हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था और इन मामलों में ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी. हाई कोर्ट ने कहा था कि अभियोजन पक्ष दोष साबित करने में विफल रहा है. मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके घरेलू नौकर सुरेंद्र कोली के खिलाफ साल 2007 में कुल 19 मामले दर्ज किए गए थे. सीबीआई ने सबूतों के आभाव में तीन मामलों में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी., लेकिन बचे 16 मामलों में कोलो को पहले 3 में बरी कर दिया गया और एक में उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया. 29 दिसंबर 2006 को नोएडा के निठारी में एक नाले से 8 बच्चों के कंकाल मिले थे.
-भारत एक्सप्रेस
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