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क्या HMPV से संक्रमित होने पर ले सकते हैं एंटीबायोटिक? यहां जान लीजिए क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट

HMPV Virus Cases: आपको मालूम है एचएमपीवी लोगों को कैसे प्रभावित करता है? जानें क्या इस बीमारी में एंटीबायोटिक दवा काम आएगी?

HMPV Virus Cases

HMPV Virus Cases: हाल ही में भारत के अलग-अलग हिस्सों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामले सामने आ रहे हैं, खासकर बेंगलुरु, अहमदाबाद, नागपुर, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में. ये वायरस वयस्कों में मामूली तौर पर हल्की बीमारी का कारण बनता है, लेकिन कुछ समूहों के लिए ये गंभीर समस्या बन सकता है. ऐसे में अब ये सवाल उठता है कि किसे इस बीमारी से विशेष सावधानी बरतने की जरुरत है.

एचएमपीवी और इसके जोखिम वाले समूह

एचएमपीवी वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले लोग वो हैं जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, जैसे बुजुर्ग, बच्चों और अन्य रोगों से जूझ रहे लोग. खासतौर से 5 साल से छोटे बच्चे और 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग HMPV से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं. इसके अलावा, जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर है, जैसे कि HIV के रोगी, कैंसर से जूझ रहे व्यक्ति या अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोग उन्हें भी ये वायरस अधिक नुकसान पहुंचा सकता है.

एचएमपीवी के लक्षण और इलाज (HMPV Virus Cases)

एचएमपीवी के लक्षण वयस्कों में मामूली तौर पर हल्के होते हैं, जैसे कि खांसी, जुकाम, बुखार और गले में खराश. हालांकि, बच्चों और बुजुर्गों में ये वायरस ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी गंभीर श्वसन समस्याओं का कारण बन सकता है. पल्मोनोलॉजिस्ट, बताते हैं कि higher रिस्क वाले समूहों में HMPV से गंभीर श्वसन (Respiration) समस्याएं हो सकती हैं, जिसके लिए ऑक्सीजन थेरेपी की आवश्यकता हो सकती है. हालांकि, ज्यादातर मरीजों में हल्के लक्षणों के बाद सहायक ट्रीटमेंट से रिकवरी हो जाती है. HMPV के लिए मृत्यु दर comparatively कम है और ये अन्य श्वसन संबंधी वायरस की तुलना में कम खतरनाक माना जा रहा है.

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एंटीबायोटिक्स का प्रभाव

एचएमपीवी एक वायरल संक्रमण है, इसलिए एंटीबायोटिक्स इस बीमारी के इलाज में कारगर नहीं हैं. एंटीबायोटिक्स सिर्फ बैक्टीरियल संक्रमण के लिए प्रभावी होते हैं, न कि वायरल संक्रमण के लिए. हल्के मामलों में आराम, ढेर सारा पानी पीना और ओवर-द-काउंटर दवाओं से लक्षणों में राहत मिल सकती है. गंभीर मामलों में जैसे कि ब्रोंकाइटिस या निमोनिया में अस्पताल में भर्ती होने की जरुरत हो सकती है. यहां ऑक्सीजन सप्लीमेंटेशन, लिक्विड थेरपी और श्वसन सहायता जैसी सहायक थेरेपी दी जा सकती है.

एचएमपीवी से बचाव के उपाय (HMPV Virus Cases)

एचएमपीवी के लिए कोई स्पेसिफिक एंटीवायरल दवा या वैक्सीनेशन मौजूद नहीं है, इसलिए बचाव उपायों पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है. वहीं इसे लेकर डॉक्टर कहते हैं कि मास्क पहनना, हाथों की सफाई रखना और सेफ श्वसन प्रथाओं का पालन करना जरुरी है. इन उपायों से वायरस के स्प्रेड को रोका जा सकता है.



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