प्रज्ञानंदा और मैगनस कार्लसन. (ANI ट्विटर)
Chess World Cup Final: भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानंदा (R Praggnanandhaa) और दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन के फिडे विश्व कप चेस फाइनल के लिए जोरदार टक्कर चल रही है. इन दोनों खिलाड़ियों के बीच टूर्नामेंट के फाइनल के लिए दो राउंड हो चुके हैं. पहला राउंड पहले ही ड्रॉ पर खत्म हुआ था तो वहीं अब बुधवार को भी दूसरे राउंड में जोरदार भिड़ंत देखने को मिली. हालांकि यह मुकाबला भी ड्रॉ पर खत्म हुआ. अब फिडे चेस विश्व कप का नतीजा टाईब्रेकर के जरिए निकाला जाएगा. जो गुरुवार को भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानंदा और मैग्नस कार्लसन (Magnus Carlsen) के बीच खेला जाएगा.
फिडे विश्व कप शतरंज टूर्नामेंट की दूसरी क्लासिकल बाजी ड्रॉ रही, लेकिन भारतीय ग्रैंडमास्टर ने दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी को दुविधा में डाल दिया था. हालांकि बाद में दोनों की सहमति से मैच को ड्रॉ पर खत्म करना पड़ा.
अब टाईब्रेकर के जरिए बनेगा चैंपियन
दूसरी बाजी में डेढ़ घंटे के खेल और 30 चाल के बाद दोनों खिलाड़ी ड्रॉ पर सहमत हो गए. चैंपियन का फैसला अब गुरुवार को टाईब्रेकर के जरिए होगा. नॉर्वे के कार्लसन ने सफेद मोहरों से प्रज्ञानंदा के खिलाफ ठोस प्रदर्शन किया. भारतीय खिलाड़ी को हालांकि काले मोहरों से खेलते हुए किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा और दोनों खिलाड़ी 30 चाल के बाद मुकाबले को ड्रॉ करने पर राजी हो गए.
मंगलवार को पहली बाजी भी चार घंटे से अधिक खेल और 70 से अधिक चाल के बाद ड्रॉ रही थी. प्रज्ञानंदा ने बाजी के बाद कहा, ‘‘मैंने वास्तव में नहीं सोचा था कि वह आज जल्दी ड्रॉ के लिए तैयार हो जाएगा लेकिन जब उसने ऐसी शुरुआत की तो मुझे अहसास हुआ कि वह ड्रॉ कराना चाहता था. मुझे भी इससे कोई दिक्कत नहीं थी.’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘मैं भी थका हुआ महसूस कर रहा था, अब मैं कल सब कुछ झोंक सकता हूं और इसके बाद आराम कर सकता हूं.’’ उनसे एक इंटरव्यू में पूछे जाने पर कि क्या उन्हें अहसास हुआ कि पहली बाजी के दौरान कार्लसन खराब स्थिति में थे, भारतीय खिलाड़ी ने कहा, ‘‘हां. मुझे लगा कि उनमें ज्यादा ऊर्जा नहीं है. मुझे उम्मीद है कि वह कल ठीक हो जाएंगे.’’
यह भी पढ़ें- क्रिकेटर हीथ स्ट्रीक के निधन की खबर अफवाह, हेनरी ओलोंगा ने कहा- अभी जिंदा हैं जिम्बाब्वे का दिग्गज
टाईब्रेकर के कैसे होंगे नियम
नॉर्वे के दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी कार्लसन ने कहा, ‘‘उम्मीद करता हूं कि गुरुवार मेरे अंदर अधिक ताकत होगी. ’’ अब रेपिड प्रारूप में दो टाईब्रेक बाजियां खेली जाएंगी जिसमें दोनों खिलाड़ियों को 25 मिनट का समय मिलेगा. हर चाल के बाद खिलाड़ी के समय में 10 सेकेंड जुड़ जाएंगे. अगर इन दो बाजी में नतीजा नहीं निकलता है तो दो और बाजी खेली जाएगी जिसमें प्रत्येक खिलाड़ी के पास पांच मिनट का समय होगा और खिलाड़ी की प्रत्येक चाल के बाद उसके समय में तीन सेकेंड जुड़ जाएंगे. प्रज्ञानंदा महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के बाद विश्व कप फाइनल में जगह बनाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आनंद ने लिखा, ‘‘हमने इस तरह की शुरुआत की उम्मीद नहीं की थी. क्या मैग्नस 2016 की 12वीं बाजी की रणनीति को दोहरा रहे हैं और टाईब्रेक के लक्ष्य के साथ उतरे हैं. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसा है तो मैग्नस ने टाईब्रेक के बारे में सोचते हुए दिन बिताया है जबकि प्रज्ञानानंदा बाजी के बाद ही ऐसा करना शुरू करेंगे.’’
सेमीफाइनल में विश्व के तीसरे नंबर के खिलाड़ी को हराया
भारत के 18 साल के प्रज्ञानंदा ने सोमवार को सेमीफाइनल में टाईब्रेक के जरिए दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो करूआना को हराया था और फाइनल में जगह बनाई थी. इससे पहले क्वार्टर फाइनल में उन्होंने दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हिकारू नाकामूरा को हराया था. प्रज्ञानानंदा इसके साथ ही 2024 में कनाडा में होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालीफाई कर लिया. महान बॉबी फिशर और कार्लसन के बाद कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने. मैच के बाद कार्लसन ने कहा, ‘‘प्रज्ञानानंदा पहले ही बेहद मजबूत खिलाड़ियों के खिलाफ काफी टाईब्रेक खेल चुका है. मुझे पता है वह काफी मजबूत है. अगर मेरे अंदर कुछ ऊर्जा होगी, अगर मेरा दिन अच्छा होगा तो बेशक मेरे पास अच्छा मौका होगा.’’
– भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.