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Hockey WC: वर्ल्ड कप की सबसे अनोखी टीम… कोई साइंटिस्ट तो कोई टीचर, चंदा जुटाकर वर्ल्ड कप खेलने आए ये खिलाड़ी

टीम में शामिल ज्यादातर खिलाड़ी जॉब करते हैं और पार्टटाइम हॉकी खेलते हैं. जानकारी के मुताबिक टीम में शामिल खिलाड़ियों में कोई शिक्षक है तो कोई जिम ट्रेनर, कोई इंजिनियर है तो साइंटिस्ट.

Wales Hockey Team

Photo- International Hockey Federation (@FIH_Hockey)/ Twitter

Wales Team Inspirational Story: हॉकी विश्व कप (Hockey WC) में इंडिया का तीसरा मुकाबला वेल्स से है. पहले मैच में स्पेन को 2-0 से हराने और दूसरे मैच में इंग्लैंड के साथ ड्रॉ खेलने वाली टीम इंडिया के लिए ये मैच महत्वपूर्ण है. क्योंकि इस मैच में जीत के साथ इंडिया सीधे क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर सकती है. वहीं वेल्स का प्रदर्शन टूर्नामेंट में साधारण रहा है. टीम अपने पहले दोनों मुकाबले हार गई है और टूर्नामेंट से बाहर होने की कगार पर है. लेकिन वेल्स हॉकी टीम की कहानी जीत और हार से परे होकर खेल के प्रति जज्बे और दिवानगी की कहानी है.

वेल्स ने संघर्ष से लिखी सफलता की कहानी  

ये उस टीम की कहानी की है जिसने तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए विश्व कप में खेलने का सपना देखा और पहली बार उसे पूरा किया. मौजूदा समय में दुनिया की 14 वीं रैंकिंग की टीम वेल्स की कहानी इंस्पायरिंग इसलिए है. क्योंकि टीम में शामिल ज्यादातर खिलाड़ियों के लिए हॉकी उनका पैशन तो है, वे अपने देश के लिए खेलते भी हैं लेकिन बदले में उन्हें हॉकी से कुछ मिलता नहीं.

हॉकी को जिंदा रखने और बड़े टूर्नामेंटों में शिरकत करने के लिए खिलाड़ियों को अपने जेब से पैसे लगाने पड़ते हैं. सरकार से उन्हें किसी भी तरह का कोई सपोर्ट नहीं मिलता. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि वेल्स से भुवनेश्वर आने के लिए क्राउड फंडिग का सहारा लेने के बावजूद वेल्स टीम के खिलाड़ियों को अपने जेब से पैसे खर्च करने पड़े.

कोई साइंटिस्ट तो कोई टीचर, वर्ल्ड कप की सबसे अनोखी टीम

टीम में शामिल ज्यादातर खिलाड़ी जॉब करते हैं और पार्टटाइम हॉकी खेलते हैं. जानकारी के मुताबिक टीम में शामिल खिलाड़ियों में कोई शिक्षक है तो कोई जिम ट्रेनर, कोई इंजिनियर है तो साइंटिस्ट. जॉब के साथ हॉकी खेलना आसान नहीं होता. प्रैक्टिस के लिए खिलाड़ियों को ऑफिस से छुट्टी लेनी पड़ती है. जिसके लिए उन्हें सैलरी का नुकसान भी उठाना पड़ता है. ये खिलाड़ी प्रति वर्ष टीम के लिए 1-1 हजार पाउंड (करीब 1-1 लाख रुपए) का कॉन्ट्रीब्यूट करते हैं. जिससे हॉकी स्टिक, बॉल, अन्य इक्विपमेंट का इंतजाम किया जाता है. खिलाड़ियों की प्रैक्टिस के लिए एक फिल्ड है जो कार्डिफ में है. वेल्स टीम के सभी खिलाड़ी प्रैक्टिस के लिए शनिवार और रविवार यहां जुटते हैं और सोमवार को फिर से अपने काम पर निकल जाते हैं.

बड़ी दिलचस्प है वेल्स टीम की कहानी

वेल्स ब्रिटेन का हिस्सा है. वर्ल्ड कप क्वालिफाइंग या यूरोपियन टूर्नामेट में ब्रिटेन में शामिल सभी हिस्से इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और नॉदर्न आयरलैंड अलग-अलग खेलते हैं. ओलिंपिक के लिए ब्रिटेन की एक टीम बनाई जाती है. मौजूदा वेल्स टीम के तीन खिलाड़ी ब्रिटेन टीम का भी हिस्सा हैं. ये प्रोफेशनल हॉकी प्लेयर हैं. और ब्रिटेन टीम से खेलने के अनुभव को वेल्स के साथ साझा करते हैं. मौजूदा समय में ब्रिटेन की हॉकी टीम में 35 खिलाड़ी हैं जिनमें 31 इंग्लैंड, 3 वेल्स और 1 आयरलैंड से है. बता दें कि वेल्स 1908 ओलिंपिक मेडल जीत चुकी है. लेकिन बाद में वेल्स ओलंपिक के लिए ब्रिटेन टीम का हिस्सा बन गई. टीम स्वतंत्र रुप से अब कॉमनवेल्थ मे भाग लेती है.

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