बुकर पुरस्कार क्या है, जो ‘गुलामी’ कराने वालों के नाम से आलोचना के घेरे में आ गया, यह किसे दिया जाता है? जानिए
बुकर ग्रुप के संस्थापकों ने 19वीं शताब्दी में गुयाना में 200 से अधिक लोगों को गुलाम बनाया था, और वे उपनिवेश की दमनकारी गुलामी तथा बंधुआ-मजदूरी आधारित अर्थव्यवस्था में लिप्त रहे थे. उनका धंधा अफ्रीका में चलाई गई दास-प्रथा के समान था.
World Book Fair 2024: विश्व पुस्तक मेले में साहित्यकारों, शिक्षाविदों और पुस्तक-प्रेमियों का जमघट, दिल्ली के प्रगति मैदान में जुटे डेढ़ लाख पाठक
दिल्ली में लगे विश्व पुस्तक मेले में पुस्तक प्रेमियों की बेशुमार भीड़ उमड़ रही है. यहां साहित्यकारों, शिक्षाविदों और पुस्तक प्रेमियों के आने से पुस्तकों का बाजार भरा-पूरा नजर आ रहा है. लोगों द्वारा पसंदीदा पुस्तकें खरीदी गईं, चर्चाएँ हुईं, सेल्फी ली गईं, सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए और देश-विदेश की संस्कृति को बहुत ही खूबसूरत ढंग समझा गया.
‘आप हजार पन्ने पढ़िए, फिर एक पन्ना लिखिए जरूर…’, वर्ल्ड बुक फेयर में बोले भारत एक्सप्रेस के CMD Upendrra Rai
Upendrra Rai Speech: भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक और एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय ने आज वर्ल्ड बुक फेयर के दौरान ‘राष्ट्र निर्माण में लेखकों की भूमिका’ इंट्रैक्टिव सेशन में संबोधन दिया. उन्होंने किताबों का महत्व समझाया -