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नेशनल बुक ट्रस्ट-इंडिया (NBT) ने गुजरात विश्वविद्यालय के सहयोग से गुजराती बाल साहित्य अनुवाद कार्यशाला का आयोजन किया. जिसमें गुजराती भाषा के लेखकों, साहित्यकार और अनुवादकों ने 60 से अधिक शीर्षकों का अंग्रेजी और हिंदी से गुजराती भाषा में अनुवाद करने पर जोर दिया.

आज पूरे देश में नेशनल बुक ट्रस्‍ट ऑफ इंडिया उत्तम और प्रमाणित पुस्तकें उपलब्ध करवाने वाली मानक एवं प्रगतिशील संस्था के रूप में जानी जाती है. एनबीटी ने पुस्तकों के जरिये बहुभाषावाद को बढ़ावा दिया है और एक साल में 10 करोड़ पाठकों तक 60 से अधिक भाषाओं में पुस्तकें पहुँचाई हैं.

भारत सरकार के नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया (NBT) की ओर से यह सचल पुस्तक प्रदर्शनी लोगों तक पुस्तकें पहुँचाने और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में पढ़ने की रुचि पैदा करने का उत्तम प्रयास है.

NCERT की पुस्‍तकों में अब बच्‍चे कथित 'बाबरी मस्जिद' को “अयोध्या का विवाद” चैप्टर में “3-गुंबद वाली संरचना” शीर्षक से जानेंगे. इसी तरह के ऐतिहासिक बदलावों की डॉ. राजेश्वर सिंह ने सराहना की है.

21 जून से 29 जुलाई तक पर्वतीय इलाकों में पुस्तक परिक्रमा की जाएगी. जिसमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, पंजाबी और हिमाचली भाषा में प्रकाशित पुस्तकें पाठकों के लिए सस्ती दरों पर भी मिलेंगी.

राष्ट्रीय पठन दिवस पर नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में विभिन्न स्थानों पर बच्चों के साथ प्रसिद्ध साहित्यकार और मेंटर्स भी जुड़े. इस अवसर पर लाखों लोगों ने ऑनलाइन भी बुक्स पढ़ीं.

बुकर ग्रुप के संस्थापकों ने 19वीं शताब्दी में गुयाना में 200 से अधिक लोगों को गुलाम बनाया था, और वे उपनिवेश की दमनकारी गुलामी तथा बंधुआ-मजदूरी आधारित अर्थव्यवस्था में लिप्त रहे थे. उनका धंधा अफ्रीका में चलाई गई दास-प्रथा के समान था.

दिल्‍ली में लगे विश्व पुस्तक मेले में पुस्तक प्रेमियों की बेशुमार भीड़ उमड़ रही है. यहां साहित्यकारों, शिक्षाविदों और पुस्तक प्रेमियों के आने से पुस्‍तकों का बाजार भरा-पूरा नजर आ रहा है. लोगों द्वारा पसंदीदा पुस्तकें खरीदी गईं, चर्चाएँ हुईं, सेल्फी ली गईं, सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए और देश-विदेश की संस्कृति को बहुत ही खूबसूरत ढंग समझा गया.

Upendrra Rai Speech: भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक और एडिटर इन ​चीफ उपेंद्र राय ने आज वर्ल्ड बुक फेयर के दौरान ‘राष्ट्र निर्माण में लेखकों की भूमिका’ इंट्रैक्टिव सेशन में संबोधन दिया. उन्होंने किताबों का महत्व समझाया -