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Delhi High Court

कोर्ट ने कहा कि जेल का उद्देश्य मुकदमे के दौरान आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित करना है. उद्देश्य न तो दंडात्मक है और न ही निवारक है.

अदालत ने कहा कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अनिवार्य उपस्थिति मानदंडों पर फिर से विचार करने की तत्काल आवश्यकता है क्योंकि कोविड-19 महामारी के बाद शिक्षण पद्धतियों में काफी बदलाव आया है.

दिल्ली शराब नीति मामले में कथित आरोपी व्यवसायी अमित अरोड़ा के मामले में अदालत ने कहा— अगली सुनवाई तक उसे उसकी खराब चिकित्सा स्थिति के कारण 2 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत राशि जमा करने पर अंतरिम जमानत दी जाती है.

दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने एक आपराधिक मामले में सुनवाई करते हुए दो आरोपित भाइयों में से एक को शस्त्र अधिनियम की धारा—27 के आरोप से बरी कर दिया.

पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने खेडकर के खिलाफ लगे आरोप को इतनी गम्भीरता से लिया कि जमानत के पहलू पर ठीक से गौर नहीं किया गया.

याचिका में कहा गया है कि सार्वजनिक स्थानों पर हुक्का बेचे जाने से सेकेंड हैंड धुंआ निकलता है जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है.

प्रस्तावित मास्टर प्लान में चरागाह क्षेत्र को सहकारी समिति के लिए दैनिक दूध उत्पादन के संग्रह को सक्षम करने के लिए एक क्षेत्र के रूप में भी सीमांकित नहीं किया गया है.

याचिका में सुकेश चंद्रशेखर की व्यक्तिगत कठिनाइयों पर और जोर दिया गया है, जिसमें दूरी के कारण अपने परिवार से अलगाव और अपने पति या पत्नी के कारावास शामिल हैं.

आज दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह व न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने मानसिक स्वास्थ्य सेवा अधिनियम के संबंध में प्रवेश रजिस्टर की जांच करने का निर्देश दिया, ताकि कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा के विरुद्ध नशा मुक्ति केंद्र में न रहे.

कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए मानसिक क्रूरता के आधार पर पत्नी की तलाक मांगने की याचिका मंजूर कर ली. साथ ही पति की इस दलील को खारिज कर दिया कि तलाक देने से उस पर और उसके परिवार का अपमान होगा और कलंक लगेगा.