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दिल्ली एफसी, ईबीएफसी और अनवर अली ने पीएससी के फैसले में विस्तृत कारणों की कमी के कारण प्राकृतिक न्याय के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष इस आदेश को चुनौती दी.

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति एक मामले में हिरासत में है, तो वह दूसरे मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत की याचिका दायर कर सकता है.

महिला के पिता ने एक FIR दर्ज कराई थी, जिसमें उसने कहा था कि 1999 में उसने अपनी बेटी की शादी की थी, जिसमें दिया गया स्त्रीधन ससुरालवाले अपने पास रखे हुए हैं और लौटाने से इनकार कर रहे हैं.

पीठ ने कहा आप लोग एक सैनिटरी लैंडफिल के बगल में रह रहे हैं. आपका जीवन भी आपके जानवरों के जीवन की तरह खतरे में है.

कोर्ट ने पूजा खेडकर की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस और यूपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट 21 अगस्त को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.

ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर को कोचिंग देने वाले समरेश जंग भी उसी संपत्ति में रहते हैं जिसमें लगभग 60-70 साल पहले उनके परिवार को कानूनी तौर पर उप-किराएदार बनाया गया था.

ग़ौरतलब है कि देश भर की जेलों में लगभग 6 लाख क़ैदी बंद हैं। इनमें से बहुत सारे क़ैदी ऐसे हैं जिनका आरोप सिद्ध भी नहीं हुआ है। ऐसे में उन्हें यदि ज़मानत मिल जाती है तो जाँच एजेंसियाँ या सरकारी पक्ष इसके विरोध में खड़ी हो जाती है।

अदालत ने नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया है. जो एमसीडी, दिल्ली पुलिस, डीएमआरसी, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, पीडब्ल्यूडी, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और वन विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय करेंगे.

विभव कुमार इस समय न्यायिक हिरासत में हैं. उन पर 13 मई को केजरीवाल के आधिकारिक आवास में मालीवाल से मारपीट करने का आरोप है.

उच्च न्यायालय ने कहा कि मामले के तथ्य संकेत देते हैं कि व्यक्ति को यांत्रिक रूप से जीवित नहीं रखा जा रहा है और वह बिना किसी अतिरिक्त बाहरी सहायता के खुद को जीवित रखने में सक्षम है.