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Sambhal

संभल हिंसा मामले में पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने मीडिया को बताया कि पुलिसकर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं. वहीं ASP ने बताया जांच जारी है, पूरी होने में 3 महीने लगेंगे.

कांग्रेस का कहना है कि संभल में मौजूदा समय में धारा 163 लागू है, तो ऐसी स्थिति में प्रशासन को पार्टी की तरफ से पांच लोगों को तो जाने की इजाजत देनी ही चाहिए.

राज्य के गृह विभाग के आदेश के अनुसार हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्यी कमेटी को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है.

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर बीते 24 नवंबर को हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. इस दौरान कम से कम 5 लोगों की मौत हो चुकी है. बवाल के बाद कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं.

Sambhal Violence: अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है.

संवेदनशील स्थानों पर पुलिस द्वारा हर आने-जाने वाले लोगों पर विशेष नजर रखी जा रही है. किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि देखे जाने पर पुलिस फौरन कार्रवाई कर रही है.

वे लोग लड़े आपस में, गोलियां आपस में चलाईं, अब दोष पदाधिकारियों को दे रहे हैं. अब सवाल यह है कि गोलियां चली क्यों? लोग कैसे इकट्ठा हुए? ये सारे मुद्दे महत्वपूर्ण हैं.

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर बीते 24 नवंबर को हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. इस दौरान कम से कम 4 लोगों की मौत हो चुकी है.

संभल हिंसा मामले में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर नामजद FIR दर्ज की गई है. अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर रविवार को हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. इस दौरान कम से कम 4 लोगों की मौत हो चुकी है.