
CBI Raid: यूपी के मेरठ की ताकतवर महिला नेता डॉ. सरोजिनी अग्रवाल का नाम अब सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं रहा. उनका मेडिकल कॉलेज पूर्व में मुलायम सिंह यादव के नाम से चलने वाला और अब NCR मेडिकल कॉलेज CBI जांच के घेरे में है.
बीती 1 जुलाई को दिन में CBI ने उनके मेडिकल कॉलेज और आवास पर छापा मारा. पूरे नौ घंटे चली इस कार्रवाई में सियासत, शिक्षा और सिस्टम तीनों की परतें उधड़ीं. कॉलेज की असिस्टेंट मैनेजिंग डायरेक्टर और सरोजिनी की सबसे छोटी बेटी शिवानी अग्रवाल पर रिश्वत, आपराधिक षड्यंत्र और फर्जीवाड़ा के गंभीर आरोपों में सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है.
मेडिकल कॉलेज में थे काल्पनिक मरीज भर्ती
दिल्ली में CBI की एफआईआर में जो कुछ दर्ज है, वो न सिर्फ कानून के खिलाफ है, बल्कि मानवता के मूल विश्वास के खिलाफ है. कॉलेज में प्रॉक्सी फैकल्टी खड़ी की गई. काल्पनिक मरीजों को भर्ती दिखाया गया. बायोमेट्रिक अटेंडेंस से छेड़छाड़ की गई और ये सब सिर्फ इसीलिए किया गया ताकि मेडिकल काउंसिल की इंस्पेक्शन टीम को ‘फिट’ रिपोर्ट दी जा सके—जिसके बदले रिश्वत पहले ही पकड़ी जा चुकी है.
सीबीआई की रेड को डॉ. सरोजिनी अग्रवाल ने पहले इसे ‘रूटीन विजिट’ बताया था, लेकिन CBI की रिपोर्ट और FIR ने सारी सच्चाई खोल दी. पूरा मेडिकल कॉलेज एक स्क्रिप्टेड सेट बना हुआ था, जहां असली पढ़ाई नहीं, इंस्पेक्शन पास कराने की एक्टिंग सिखाई जाती थी. इस कॉलेज से डॉक्टर बनते हैं. वो डॉक्टर स्क्रिप्टेड सेट से पास हुए बने है .
मेडिकल एजुकेशन सिस्टम पर उठे सवाल
सोचिए, जब ये डॉक्टर एक ऐसे सिस्टम से निकलेंगे जो खुद बीमार है, तो वो किसका इलाज करेंगे? इस केस ने सिर्फ एक कॉलेज की परतें नहीं उधेड़ीं, पूरे मेडिकल एजुकेशन सिस्टम की गंदगी को भी उजागर कर दिया है.
जहां डोनेशन से सीटें मिलती हैं जहां किताबों से ज़्यादा जरूरी कॉलेज का जुगाडी नेटवर्क , जहां MBBS अब Money Based Bachelor of Scam होता जा रहा है और सबसे बड़ा अपराध यह है कि ये सब उस प्रोफेशन में हो रहा है, जिसे धरती का सबसे पवित्र पेशा कहा गया. जी हाँ, डॉक्टर जिंदगी बचाता है. लेकिन अब जब डॉक्टर बनने की प्रक्रिया ही फ्रॉड हो जाए तो सिर्फ इंसान नहीं मरता, समाज का भरोसा मरता है.
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-भारत एक्सप्रेस
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