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Ambedkar Statue In US: अमेरिका में गूंजा ‘जय भीम’ का नारा, भारत के बाहर बाबा साहब की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण, VIDEO

Statue of Equality Ambedkar US: अमेरिका के मैरीलैंड शहर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की सबसे बड़ी प्रतिमा का अनावरण किया गया है. यह भारत के बाहर किसी देश में स्थापित बाबा साहब की सबसे ऊंची प्रतिमा बताई जा रही है. इसकी उूंचाई 19 फीट है और चौड़ाई भी काफी है. इसका नाम स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी (Statue of Equality) यानी “समानता की प्रतिमा” दिया गया है.

न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रतिमा के अनावरण के मौके पर अमेरिका के विभिन्न हिस्सों से 500 से ज्‍यादा भारतीय-अमेरिकी नागरिकों के अलावा भारत से और अन्य देशों से कई लोग शामिल हुए. अनावरण के वक़्त वहां उपस्थित लोगों ने जय भीम के नारे भी लगाए. इसका एक वीडियो भी सामने आया है.

प्रतिमा के अनावरण के मौके पर आई बारिश, डटे रहे लोग

“स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी” के अनावरण समारोह में शामिल होने आए लोगों का भारी बारिश के बाद भी उत्साह कम नहीं हुआ. कई लोगों ने तो इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 10 घंटे तक की भी लंबी यात्रा की. एनएनआई की रिपोर्ट में कहा गया कि देश के अलग-अलग हिस्सों से आए भारतीय-अमेरिकियों ने वहां कई तरह की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं. वहीं, अमेरिका में अंबेडकरवादी आंदोलन का नेतृत्व करने वाले दिलीप म्हास्के ने कार्यक्रम में शिरकत करने के दौरान कहा कि स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी 1.4 अरब भारतीयों और 4.5 मिलियन भारतीय अमेरिकियों का प्रतिनिधित्व करेगी.

यह भारत के बाहर अंबेडकर की सबसे बड़ी प्रतिमा है

एक महिला ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्‍ट कर लिखा- ”भारत के बाद अब दुनिया के सबसे विकसित मुल्क अमेरिका में भी जय भीम के नारे की गूंज उठी है. और, इसकी वजह है कि भारत के बाहर भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की सबसे बड़ी प्रतिमा का शनिवार (14 अक्टूबर) को औपचारिक रूप से अनावरण अमेरिका के मैरीलैंड शहर में किया गया है.”

अमेरिका में कहां पर स्‍थापित हुई ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी’?

डॉ. भीमराव अंबेडकर की ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी’ अमेरिका में राष्ट्रपति भवन ‘व्हाइट हाउस’ से दक्षिण में करीब 22 मील दूर है. 13 एकड़ में बने इस सेंटर प्रतिमा के अलावा लाइब्रेरी, कन्वेंशन सेंटर और बुद्ध गार्डन भी है. बता दें कि अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था. वह भारत की संविधान सभा की ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष रहे. उन्‍हें यहां संविधान का निर्माता कहा जाता है.

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— भारत एक्सप्रेस

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