पापुआ न्यू गिनी में भूस्खलन से 2000 से अधिक लोगों की मौत हो गई
इंडोनेशिया के पड़ोसी देश पापुआ न्यू गिनी में भूकंप-भूस्खलन के कारण कोहराम मचा हुआ है. वहां राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत में एक के बाद एक भूकंप के कई झटके लगे, जिसके कारण कई लोगों की जान चली गई.
ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्प (एबीसी) की रिपोर्ट के मुताबिक, भूस्खलन में 2000 से अधिक लोगों के मारे जाने का अनुमान है. देश के राष्ट्रीय आपदा केंद्र ने राजधानी पोर्ट मोरेस्बी में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय को बताया, ‘भूस्खलन में 2,000 से अधिक लोग जिंदा दफन हो गए और बड़ी तबाही हुई है.’
बहरहाल, दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित इस द्वीपीय देश के निवासियों में खौफ छाया हुआ है और जिस इलाके में भूस्खलन हुआ, वहां मातम पसरा है. एंगा प्रांत में स्थित दूरदराज का पहाड़ी गांव लगभग नष्ट हो गया जब शुक्रवार (24 मई) की सुबह माउंट मुंगालो का एक हिस्सा ढह गया, जिससे कई घर और उनके अंदर सो रहे लोग दब गए.
बचाव दल को काफी मशक्कत करनी पर रही
भूस्खलन शुक्रवार को उत्तरी पापुआ न्यू गिनी के पर्वतीय एंगा क्षेत्र में हुआ था तथा लापता लोगों की नवीनतम संख्या पहले के अनुमानों से काफी अधिक है. स्थानीय लोग तब सदमे में हैं, जब उनके घरों में टनों पत्थर और मिट्टी घुस आई है. बचाव दल को एशिया के सबसे गरीब देशों में से एक के ऐसे सुदूर इलाके में पहुंचने में काफी संघर्ष करना पड़ा है, जिससे स्थानीय लोगों के पास ढह चुके पहाड़ों को खोदने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. उन्हें अपने पास मौजूद औजारों से ही उन्हें खोदना पड़ रहा है.
पिछले साल PM नरेंद्र मोदी ने किया था दौरा
पापुआ न्यू गिनी पिछले साल उस समय चर्चा में आया था जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान में जी-7 के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद वहां पहुंचे थे. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पापुआ न्यू गिनी की आबादी 1 करोड़ के लगभग है. विदेश मंत्रालय की ओर से दोनों देशों के संबंधों पर जारी एक प्रेस नोट के अनुसार पापुआ न्यू गिनी में करीब 3000 भारतीय रहते हैं.
-भारत एक्सप्रेस