विदेश मंत्री एस जयशंकर
S Jaishankar On Global North: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने अमेरिका पहुंचे. जहां उन्होंने ग्लोबल नॉर्थ की हिप्पोक्रेसी पर जमकर निशाना साधा. एस जयशंकर ने कहा कि आज भी “डबल स्टैंडर्ड” वाली दुनिया है और जो देश प्रभावशाली पदों पर काबिज हैं, वे बदलाव के लिए बन रहे दबाव का विरोध कर रहे हैं. यह गलत बात है कि ऐतिहासिक प्रभुत्व वाले लोगों ने उन क्षमताओं को हथियार बना लिया है.
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, “मुझे लगता है कि बदलाव के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति से ज्यादा राजनीतिक दबाव है. दुनिया में भावना बढ़ रही है और ग्लोबल साउथ एक तरह से इसका प्रतीक है. लेकिन राजनीतिक प्रतिरोध भी है. UNSC में हम यह सबसे अधिक देखते हैं कि जो लोग प्रभावशाली पदों पर बैठे हैं, वे बदलाव के लिए बन रहे दवाब का विरोध कर रहे हैं.” बता दें कि विदेश मंत्री जयशंकर UN में भारत के स्थायी और रिलायंस फाउंडेशन के सहयोग से ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा ‘साउथ राइजिंग: पार्टनरशिप्स, इंस्टीट्यूशंस एंड आइडियाज’ विषय पर आयोजित मंत्रिस्तरीय सत्र को संबोधित कर रहे थे.
यह बहुत ही दोहरे मानकों वाली दुनिया है: एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘जो लोग आज आर्थिक रूप से प्रभुत्वशाली हैं, वे अपनी उत्पादन क्षमताओं का लाभ उठा रहे हैं और जिनके पास संस्थागत प्रभाव या ऐतिहासिक प्रभाव है उन्होंने वास्तव में अपनी उन क्षमताओं को ही हथियार बना लिया है.’ जयशंकर ने कहा, ‘वे सभी सही बातें बोलेंगे, लेकिन वास्तविकता यह है कि आज भी यह बहुत ही दोहरे मानकों वाली दुनिया है, कोरोना महामारी इसका बड़ा उदाहरण थी.’
क्या हैं ग्लोबल नॉर्थ और ग्लोबल साउथ?
बता दें कि जिस “ग्लोबल नॉर्थ” का विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जिक्र किया..वो दुनिया के सबसे समृद्ध राष्ट्र हैं. ये देश अधिकतर उत्तरी अमेरिका और यूरोप के हैं. इनमें ओशिनिया तथा अन्य जगहों पर कुछ नए देश भी शामिल हैं. आमतौर पर ग्लोबल नॉर्थ के धनी देशों की तुलना में ग्लोबल साउथ में उच्च स्तर की गरीबी, आय असमानता और जीवन स्थितियाँ चुनौतीपूर्ण हैं. वहीं, भारत को ग्लोबल साउथ का नेता माना जाता है.
— भारत एक्सप्रेस
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