Turkey, Syria Earthquake Updates: तुर्की और सीरिया में भूकंप ने ऐसी तबाही मचाई है कि पूरी दुनिया इस तबाही के बाद तुर्की और सीरिया के साथ खड़ी नजर आई है. लेकिन भूकंप का खतरा अभी टला नहीं है. यहां के हालात बदतर होते जा रहे हैं. कई ऐसे इलाके तो ऐसे हैं, जहां रेस्कयू टीम अभी तक पहुंच ही नहीं पाई है. हर बीतते समय के साथ जख्म गहरे होते जा रहे हैं और मलबों में दबीं जिंदगियों के बचने की आस कम होती जा रही है.
अब तक 21 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि घायलों की संख्या 64 हजार के करीब हो गई है. इन बढ़ते आंकड़ों ने सबको डरा दिया है. आलम यह है कि भूकंप प्रभावित इलाकों में पलायन शुरू हो गया है. इस बीच एक एक्सपर्ट ने दावा किया है कि तुर्किये में एक बार फिर से जल्द ही 7 तीव्रता का भूकंप आ सकता है.
तुर्की में कभी भी आ सकता है 7 तीव्रता का भूकंप
तबाही के बाद राहत व बचाव कार्य में जुटे तुर्की से जुड़ी इस खबर ने हलचल तेज कर दी है. एक्सपर्ट ने दावा किया है कि तुर्की में एक बार फिर से भूकंप आ सकता है. सीस्मोलॉजिस्ट डोगन पेरिनेक ने रूस की न्यूज एजेंसी के सामने यह दावा किया है. उन्होंने बताया कि ये भूकंप पश्चिमी तुर्की की पोर्ट सिटी कैनाकाले के पास आएगा. डोगन पेरिनेक के मुताबिक यहां सिस्मिक तरंगों में हलचल बढ़ी है. कैनाकाले में हर 250 सालों बाद भूकंप आता है. अब वहां भूकंप आए 287 साल बीत चुके हैं.
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RIA न्यूज से बात करते हुए विशेषज्ञ ने कहा कि कैनक्कल के बंदरगाह शहर के आसपास के क्षेत्र में लगभग हर 250 वर्षों में बड़े पैमाने पर भूकंप आते हैं. पेरिन्सेक के अनुसार, वहां आखिरी बार भूकंप 287 साल पहले आया था, जिसका अर्थ है कि “समय आ गया है.”
21 हजार लोगों की हुई मौत
दक्षिणपूर्वी तुर्की और सीरिया में सोमवार को तड़के 7.8 तीव्रता के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे जिससे कई इमारतें ढह गई थीं. युद्धग्रस्त सीरिया में सीमा के दूसरी ओर 3,300 से अधिक लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जिससे मृतकों की कुल संख्या 21,600 से अधिक हो गई है.
क्या है इस तबाही का कारण?
तुर्की में भूकंप के चलते मची तबाही को लेकर विशेषज्ञों की राय है कि देश में भवन निर्माण संबंधी कमजोर नीतियां और आधुनिक निर्माण नियमों को लागू करने में विफलता भी लोगों की इतने बड़े पैमाने पर मौत का कारण बनी. उनका कहना है कि रियल एस्टेट क्षेत्र में उछाल उन क्षेत्रों में आया था जो भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील थे, लेकिन यहां आधुनिक निर्माण कानूनों की पूरी तरह अनदेखी की गई थी. भूविज्ञान और इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ लंबे समय से चेतावनी दे रहे थे और इस सप्ताह के विनाशकारी भूकंपों के बाद नीतियों और कानूनों के क्रियान्वयन में ढिलाई की नए सिरे से जांच की जा रही है. इस भूकंप ने हजारों इमारतों को ध्वस्त कर दिया.
-भारत एक्सप्रेस
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