तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप (Earthquake in Turkey and Syria) से प्रभावित क्षेत्र में ढहे घरों के मलबे से और शव निकाले जाने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 24000 से अधिक हो गई है. तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप के तीन दिन बाद बेघर हो चुके हजारों लोग एक शिविर के पास एकत्र हो गए और कड़ाके की ठंड में भोजन और पानी के लिए चिल्लाने लगे.
मरने वालों की संख्या 24 हजार के पार
इस बीच, राहतकर्मी मलबे (Debris) के ढेर में दबी जिंदगी तलाशने में जुटे रहे तथा हादसे में जीवित बचे कई और लोगों को आज निकाल लिया गया. तुर्किये के अंताक्या शहर में बड़ी संख्या में लोग बच्चों के कोट और अन्य सामान बांट रहे एक ट्रक के आगे मदद के लिए दौड़ पड़े. बारिश और बर्फबारी के बीच धीमी गति से चल रहे बचाव कार्य में एक ऐसा किशोर भी मिला है जो मलबे के बीच अपना पेशाब पीकर जिंदा रहा, उसे बचाव दल ने निकालकर अस्पताल भेजा है.
किशोर अदनान मुहम्मद कोरकुट भूकंप के केंद्र बिंदु रहे गाजियनटेप शहर के नजदीकी इलाके में मिला है. नजदीक रहने वाली करीब डेढ़ करोड़ लोगों की आबादी भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है. यहां शायद ही कोई मकान या बड़ा भवन क्षतिग्रस्त होने से बचा है. चार दिन से जारी बचाव कार्य के बावजूद अभी भी बहुत काम होना बाकी है.
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भारत समते कई देशों से मिल रही सीरिया को मदद
चारों ओर और दूर-दूर तक मलबे के बड़े-बड़े ढेर हैं. इनके नीचे लोग भी दबे हुए हैं. मलबा हटाकर लोगों की तलाश का कार्य जारी है. लेकिन बीतते समय के साथ लोगों के जिंदा मिलने की संभावना क्षीण होती जा रही है. भीषण ठंड में लाखों बेघर छाया तलाशते घूम रहे हैं. तुर्किये में बचाव अभियान तेज है. उसे अमेरिका और सहयोगी देशों की भरपूर सहायता भी मिल रही है. लेकिन सीरिया की हालत पतली है.