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Haridwar: पूर्व CM हरीश रावत शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम के आश्रम पहुंचे, बंद कमरे में 30 मिनट तक चली मुलाकात

Haridwar News: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरीश रावत अपनी राजनीतिक चालों के लिए जाने जाते हैं. आज वह अचानक शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम के आश्रम पर हरिद्वार के कनखल जा पहुंचे, उनके इस दौरे को बीजेपी-आरएसएस के लिए झटका माना जा रहा है.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरीश रावत

Uttarakhand Ex cm Harish Rawat: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरीश रावत आज हरिद्वार के कनखल में शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम के आश्रम गए. वहां हरीश रावत बंद कमरे में तकरीबन आधा घंटा शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम महाराज के पास रहे. दोनों में क्‍या बातें हुईं, इसका खुलासा तो नहीं हुआ है, लेकिन वहां मौजूद लोगों ने रावत को BJP-RSS के करीबी माने वाले शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम से आशीर्वाद लेते देखा. उनका अचानक शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम के आश्रम पर पहुंचना भाजपाइयों के लिए चौंकाने वाला अवसर था.

संवाददाता ने बताया कि शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम के आश्रम पर BJP-RSS के नेताओं का आना-जाना लगा रहता है. जगद्गुरु राजराजेश्वराश्रम संघ और भाजपा नेताओं के करीबी माने जाते हैं. BJP और RSS का शायद ही कोई नेता होगा, जो उत्तराखंड आया हो और हरिद्वार में राजराजेश्वराश्रम महाराज से मिलने ना पहुंचा हो. केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, RSS प्रमुख मोहन भागवत समेत संघ और BJP की तमाम बड़ी हस्तियाँ समय-समय पर यहाँ आशीर्वाद लेने आती रहती है. ऐसे में हरीश रावत जैसे धुर-कांग्रेसी का यहाँ पहुंचना कई संतों को हैरान करने वाला था. हालांकि, राजराजेश्वराश्रम महाराज से मिलते समय हरीश रावत बेहद खुश दिखाई दे रहे थे.

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राजराजेश्वराश्रम महाराज के पास रावत की एक बंद कमरे में आधा घंटा वार्ता चली. वार्ता के बाद बाहर निकले हरीश रावत ने सिर्फ इतना कहा कि हम यहाँ आते रहते हैं. हमें भी जगद्गुरु का आशीर्वाद मिलता है.’ इस पर कुछ सियासत जानकारों का कहना है कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरीश रावत अपनी राजनीतिक चालों के लिए जाने जाते हैं. उनका कहना है कि अपने धुर-विरोधियों को अपनी चालों से पटखनी देने वाले हरीश रावत ने एक और बाजी चली है.

-भारत एक्सप्रेस



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