PSLV रॉकेट ने आदित्य को 235 x 19500 Km की पृथ्वी की कक्षा में छोड़ा.
Aditya L1 Mission : भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने आज सुबह 11.50 बजे सूर्य के लिए अपना पहला मिशन ‘आदित्य L1’ लॉन्च कर दिया. यह लॉन्चिंग 23 अगस्त को हुई चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाब लैंडिंग के 10वें दिन की गई है, जिसमें ‘आदित्य L1’ को PSLV-C57 के XL वर्जन रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया. रॉकेट ने 63 मिनट 19 सेकेंड बाद ‘आदित्य L1’ को 235 x 19500 Km की पृथ्वी की ऑर्बिट में छोड़ दिया. और, वहां से आगे का रास्ता वो खुद तय करेगा.
ISRO ने बताया कि ‘आदित्य L1’ पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर जाएगा. इसे सूर्य के नजदीक लैगरेंज पॉइंट-1 तक जाना है. यह सूर्य की ओर बढ़ता ही जा रहा है और लक्ष्य तक पहुंचने इसे करीब 4 महीने लगेंगे. यह लैगरेंज पॉइंट-1 से सूर्य की स्टडी करेगा. इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके चलते यहां से सूरज पर आसानी से रिसर्च की जा सकती है.
The launch of #AdityaL1 by #PSLV-C57 is accomplished successfully.
The vehicle has placed the satellite precisely into it's intended orbit.
India's first solar observatory has begun its journey to the destination of Sun-Earth L1 point.#AdityaL1Mission @isro pic.twitter.com/nO86EfRJaL
— DD News (@DDNewslive) September 2, 2023
Witnessing history being scripted…🇮🇳🌞#AdityaL1Launch pic.twitter.com/KysbIyTQnJ
— Piyush Goyal (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyal) September 2, 2023
6 जनवरी 2024 को L1 पॉइंट तक पहुंचेगा ‘आदित्य L1’
ISRO के वैज्ञानिकों का कहना है कि L1 पॉइंट के आस-पास हेलो ऑर्बिट में भेजा गया हमारा ‘आदित्य L1’ सेटेलाइट सूर्य को बिना किसी ग्रहण के लगातार देख सकता है. इससे रियल टाइम सोलर एक्टिविटीज और स्पेस के मौसम पर भी नजर रखी जा सकेगी. ये 6 जनवरी 2024 को L1 पॉइंट तक पहुंचेगा.
Visuals from Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, #Sriharikota following the launch of Aditya-L1, India's first solar mission. #AdityaL1Launch #AdityaL1 #AdityaL1Mission @isro pic.twitter.com/SVS2sKmXDd
— Upendrra Rai (@UpendrraRai) September 2, 2023
5 पॉइंट में समझिए आदित्य L1 के मिशन को
- आज सुबह ISRO के PSLV रॉकेट ने आदित्य-L1 को 235 x 19500 Km की पृथ्वी की कक्षा में छोड़ा.
- यह 16 दिनों तक पृथ्वी की कक्षा में रहेगा. 5 बार थ्रस्टर फायर कर ऑर्बिट बढ़ाएगा.
- उसके बाद फिर से आदित्य-L1 के थ्रस्टर फायर होंगे और ये L1 पॉइंट की ओर निकल जाएगा.
- 110 दिन के सफर के बाद आदित्य-L1 ऑब्जरवेटरी इस पॉइंट के पास पहुंच जाएगा
- थ्रस्टर फायरिंग के जरिए आदित्य को L1 पॉइंट के ऑर्बिट में डाल दिया जाएगा.
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