Japan Moon Mission
Japan Moon Mission: खराब मौसम के कारण पिछले महीने एक सप्ताह में तीन बार रुकने के बाद जापान ने गुरुवार सुबह राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने लैंडर को ले जाने वाला एच-आईआईए रॉकेट लॉन्च कर दिया है. अब जापान भी मून पर जाने की ठानी है. जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने कहा कि रॉकेट को योजना के अनुसार तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया है. रॉकेट JAXA के स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) अगले साल की शुरुआत में चांद पर लैंड कर सकता है. जानकारी के मुताबिक, इसे चांद पर सुरक्षित लैंड करने में करीब 4 से 6 महीने का वक्त लग सकता है.
लॉन्च के 47 बाद रॉकेट से अलग किया गया SLIM
लॉन्च के 47 मिनट बाद एसएलआईएम अंतरिक्ष यान को रॉकेट से अलग कर दिया गया, जहां यह अगले कुछ दिनों में गतिविधियां करेगा, जैसे चंद्रयान -3 ने अपने प्रारंभिक चरण में किया था. यह जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) द्वारा किया जा रहा पहला चंद्रमा-लैंडिंग प्रयास है. इस साल मई में एक निजी जापानी कंपनी ने भी कोशिश की थी, लेकिन मिशन फेल हो गया था. JAXA मिशन को मुस्तैदी से कंट्रोल कर रहा है.
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200 किलोग्राम है SLIM का वजन
SLIM एक बहुत छोटा अंतरिक्ष यान है, जिसका वजन लगभग 200 किलोग्राम है. इसकी तुलना में, चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल का वजन लगभग 1,750 किलोग्राम था. एसएलआईएम का मुख्य उद्देश्य चुनी गई साइट के 100 मीटर के भीतर सटीक लैंडिंग करना है. मिशन को एक ऐसे मिशन के रूप में पेश किया जा रहा है जो प्रदर्शित करेगा कि चंद्रमा पर “जहां हम चाहते हैं वहां उतरना संभव है, न कि केवल वहां जहां उतरना आसान है”.
ISRO ने जापान को दी बधाई
भारतीय अंतिरक्ष अनुसंधान संस्थान ने जापान की स्पेस एजेंसी जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी को चांद मिशन के सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की बधाई दी है. एक ट्वीट में इसरो ने कहा, ‘चंद्रमा पर जापान के मिशन की सफल लॉन्चिंग पर हार्दिक बधाई. यह वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय के लिए गर्व का क्षण है. हम पूरी स्पेस कम्यूनिटी को बधाई देते हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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