Chandrayaan-3 Latest news: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने चंद्रयान-3 मिशन के कारण पूरी दुनिया में छा गया. अपने मून मिशन के तहत ISRO ने विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को चांद पर खोज-बीन करने भेजा, जिन्होंने वहां 15 दिनों तक काम किया. 15 दिन बाद चांद पर रात हो गई तो विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर बंद हो गए, उनकी बैटरी की चार्जिंग भी खत्म हो गई.
ISRO के वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद पर लैंडर और रोवर को पिछले पंद्रह दिनों से स्लीप मोड में रखा गया है. हालांकि, शिव शक्ति पॉइंट पर सूरज की रोशनी आने के साथ ही उनके परिचालन स्थितियों में सुधार होने की उम्मीद है. यानी ISRO विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से फिर से संपर्क स्थापित करने की कोशिश करेगा. अब से 15 दिन पहले लैंडर और रोवर को स्लीप मोड में डाला गया था. वो समय अब खत्म होने वाला है.
15 दिन लंबी रात के बाद चांद पर होता है सूर्योदय
मीडिया रिपोर्ट्स में ये कहा जा रहा है कि चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में चंद्रयान-3 लैंडिंग साइट पर अब सूर्योदय हो गया है और इसलिए ISRO के वैज्ञानिक बैटरी के रिचार्ज होने का इंतजार कर रहे हैं. वो बैटरी चांद पर सूर्य की रोशनी से अपने आप रिचार्ज होगी. वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्हें विक्रम लैंडर और प्रज्ञान के साथ फिर से संचार स्थापित होने की उम्मीद है.
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विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर की बैटरी चार्ज होना जरूरी
ISRO के वैज्ञानिकों का कहना है कि मून मिशन के लिए सूर्योदय एक महत्वपूर्ण क्षण है क्योंकि यह लैंडर और रोवर को अपना काम जारी रखने लिए आवश्यक गर्मी प्रदान करेगा. यदि सूर्य की रोशनी से बैटरी चार्ज हो जाएं और उपकरण ठीक से काम करें तो चांद पर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर फिर से अपने काम में जुट सकते हैं. इसरो ने कहा है कि वे 22 सितंबर को संचार प्रयासों को शुरू करने से पहले तापमान के एक निश्चित स्तर से ऊपर बढ़ने का इंतजार करेंगे.
— भारत एक्सप्रेस
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