केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव
Govt Bans Mahadev Betting App: देश के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने Mahadev Book और रेड्डी अन्नाप्रिस्टोप्रो सहित 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइटों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की ओर से बताया गया कि अवैध सट्टेबाजी पर नकेल कसते हुए 22 अवैध एप और वेबसाइट पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है. मंत्रालय ने अभी ब्लॉकिंग के आदेश जारी कर दिए हैं.
अवैध सट्टेबाजी वाले ऐप और वेबसाइट ब्लॉक किए जाएंगे
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, यह कार्रवाई अवैध सट्टेबाजी ऐप सिंडिकेट के खिलाफ ईडी द्वारा की गई जांच और उसके बाद छत्तीसगढ़ में महादेव बुक पर छापे के बाद हुई, जिसमें ऐप के गैरकानूनी संचालन का खुलासा हुआ. अश्विनी वैष्णव के मंत्रालय से जारी आदेश में कहा गया कि अवैध सट्टेबाजी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मोबाइल एप्लिकेशन (Apps) और वेबसाइट को ब्लॉक किया जाएगा.
Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY) has issued blocking orders against 22 illegal betting apps & websites, including Mahadev Book and Reddyannaprestopro. The action follows investigations conducted by ED against illegal betting app syndicate and subsequent… pic.twitter.com/WpnxS6u3Be
— ANI (@ANI) November 5, 2023
छत्तीसगढ़ में ED की कार्रवाई के बाद लिया गया फैसला
इससे 2 दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि महादेव एप से सट्टेबाजी के सिलसिले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये दिए गए हैं. बता दें कि ईडी की छापेमारी के बाद Mahadev Book एप के गैरकानूनी संचालन का खुलासा हुआ था. छत्तीसगढ़ पुलिस के कॉन्स्टेबल भीम सिंह यादव और असीम दास को पकड़ा गया था. उनके बारे में बताया गया कि उनको मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया है.
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केंद्र ने कहा- छत्तीसगढ़ सरकार भी ये कर सकती थी
महादेव बुक और रेड्डी अन्नाप्रिस्टोप्रो समेत 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइटों के खिलाफ ब्लॉकिंग आदेश जारी होने के उपरांत अभी सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के पास आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत वेबसाइट/ऐप को बंद करने की सिफारिश करने की पूरी पावर थी. हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया और ऐसा कोई अनुरोध भी हमसे नहीं किया. केंद्र सरकार पिछले डेढ़ सालों से इसकी जांच कर रही है.
— भारत एक्सप्रेस
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