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‘आसाराम-राम रहीम को तो जेल में डाल दिया, मगर..’, केरल में 14 बच्चियों से बलात्कार के आरोपी के छूटने पर बोले देवकीनंदन ठाकुर

Hindu Rashtra: कथावाचक देवकीनंदन ने आगे कहा कि साराम, राम रहीम और रामपाल जैसे धर्म गुरुओं को जमानत इसलिए नहीं मिल रही, क्योंकि ये लोग सनातनी धर्म के हैं.

देवकीनंदन ठाकुर

Devkinandan Thakur: कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने एक बार फिर हिंदू राष्ट्र को लेकर बयान दिया है. उन्होंने झारखंड के पलामू में मेदिनीनगर में कहा कि भारत में साधू-संतों को काफी प्रताड़ित किया गया है. अंग्रजों के शासन में उन्हें उतना प्रताड़ित नहीं किया गया है. जितना आजाद भारत में किया है. देवकीनंदन ने आगे कहा कि आज उन्हें जेल के अंदर डाल दिया गया है. उन्होंने आसाराम, राम रहीम और रामपाल जैसे धर्म गुरुओं का हवाला देते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि इन धर्म गुरुओं को जेल में डाल दिया गया. अगर हिम्मत है तो दूसरे धर्म गुरुओं को जेल में डालकर दिखाओ.

इन्हीं धर्म गुरुओं को लेकर देवकीनंदन ने आगे कहा कि यह हिंदू राज, रामराज्य के संकल्पना के खिलाफ है. इसे रोका जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र के बजाए राम राज्य की अवधारणा को अगर सत्ता द्वारा सही रूप दिया जाता है तो इससे समाजिक विसंगतिया दूर की जा सकती हैं.

‘इन धर्म गुरुओं को जमानत नहीं मिल रही’

कथावाचक देवकीनंदन ने आगे कहा कि साराम, राम रहीम और रामपाल जैसे धर्म गुरुओं को जमानत इसलिए नहीं मिल रही, क्योंकि ये लोग सनातनी धर्म के हैं. उन्होंने केरल के एक मामले पर लेकर तंज कसा. देवकीनंदन ने कहा इन्हें जमानत नहीं मिलती, लेकिन केरल में 14 किशोरियां के रेप के आरोपी धर्म गुरु को आसानी से जमानत मिल जाती है. इस पर क्या कहा जाए.

मथुरा मंदिर को ध्वस्त किया

इसके बाद देवकीनंदन ने मुगलों का जिक्र कर कहा कि 1670 में उन्होंने यहां आकर मंदिरों तो ध्वस्त कर दिया. मुगल बादशाह औरंगजेब ने मथुरा मंदिर को तोड़कर ईदगाह मस्जिद बना दी थी. मंदिर की मूर्तियां जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबा दी गई. इससे सनातन धर्म के लोगों की भावना आहत हुई हैं.

देवकीनंदर ने कहा कि हमारी मांग है कि हिंदुओं के मंदिर-धर्मस्थलों-देवालयों को सरकारी तरीके से मुक्त कराया जाए. हम अतिक्रमण हटाने की मांग कर रहे हैं तो कोई गुनाह नहीं कर रहे हैं. अब तक इनसे हुई आय से भारत के सभी जिलों में 5-5 गुरुकुलम विद्यालय स्थापित किया जाएं. ताकि बचपन से विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति में ढाला जा सके.

– भारत एक्सप्रेस

 

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