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Reliance Jio’s Rapid Response: जियो ने 12 घंटे से भी कम समय में प्रदान कीं उत्तराखंड की सिल्क्यारा सुरंग में वॉयस और डेटा सेवाएं

भूस्खलन के कारण सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद 12 नवंबर से सिल्क्यारा-बारकोट सुरंग के अंदर 260 मीटर अंदर फंसे श्रमिकों को खतरे का सामना करना पड़ा. 41 मजदूर 17 दिन बाद बाहर निकाले जा सके.

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उत्तराखंड के पर्वतीय इलाके में रिलायंस जियो ने सफलतापूर्वक वॉयस और डेटा सेवाएं प्रदान कीं

Reliance Jio Services: रिलायंस जियो ने ध्वस्त हिमालय सुरंग के पास तेजी से मोबाइल बुनियादी ढांचे की स्थापना की, जिससे 12 घंटे के भीतर फंसे हुए 41 श्रमिकों को बचाने में मदद मिली. बचाव-दल को सुदूर उत्तराखंड क्षेत्र में कमजोर सिग्नलों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण अधिकारियों को नेटवर्क कवरेज बढ़ाने के लिए दूरसंचार ऑपरेटर की सहायता लेनी पड़ी. बिजली न होने, खंभों की कमी और खराब सड़क कनेक्टिविटी जैसी चुनौतियों के बावजूद, रिलायंस जियो ने सफलतापूर्वक वॉयस और डेटा सेवाएं प्रदान कीं.

टि्वटर पर एक पोस्ट में, रिलायंस ने मोबाइल टावर की तस्वीरें साझा कीं और बचाव कार्यों के साथ-साथ काम कर रही जियो टीम के समर्पण पर प्रकाश डाला. कंपनी ने चुनौतीपूर्ण स्थान में आवश्यक कनेक्टिविटी को तेजी से बहाल करने पर अपनी टीम की हौसला-अफजाई की.

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गौरतलब है कि भूस्खलन के कारण सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद 12 नवंबर से सिल्क्यारा-बारकोट सुरंग के अंदर 260 मीटर अंदर फंसे निर्माण श्रमिकों को खतरे का सामना करना पड़ा. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों के सफल बचाव अभियान की बदौलत 17 दिन बाद सभी 41 श्रमिकों को निकाल लिया गया. इस मर्तबा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और अन्य अधिकारी बचाव स्थल पर मौजूद थे.

बचाव के प्रयास में विशेष रूप से, उत्तर प्रदेश के ‘रैट-होल’ खनिकों और सेना का सहयोग लिया गया. उनके संयुक्त प्रयासों ने श्रमिकों का ख्‍याल रखते हुए, शेष 10-12 मीटर मलबे को मैन्युअल रूप से खोदने पर ध्यान केंद्रित किया गया. हर मौसम में चार धाम पहुंच परियोजना का अभिन्न अंग सिल्कयारा सुरंग, हैदराबाद स्थित नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा निर्माणाधीन है.

— भारत एक्सप्रेस



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