मध्य प्रदेश के CM डॉ. मोहन यादव
MP News: उज्जैन नगर जिसे पहले उज्जयिनी और अवंतिकापुरी कहा जाता था, भगवान कृष्ण की शिक्षास्थली रही है. श्रीकृष्ण, बलराम और उनके सखा सुदामा ने लगभग 5500 साल पहले यहीं महर्षि सांदीपनि के आश्रम में विद्या ग्रहण की थी. अब मध्य प्रदेश सरकार इस धर्मनगरी के कायाकल्प में जुट गई है.
मध्य प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव का कहना है कि हमारी सरकार प्राइम मेरिडियन, देशांतर की रेखा जिसे समय के लिए वैश्विक संदर्भ के रूप में उपयोग किया जाता है, को इंग्लैंड के ग्रीनविच से उज्जैन तक ट्रांसफर करने के लिए काम करेगी. उन्होंने दावा किया कि दुनिया का मानक समय लगभग 300 साल पहले भारत द्वारा निर्धारित किया जाता था. सीएम ने कहा— “समय का पता लगाने वाला तब का एक यंत्र उज्जैन में अभी भी मौजूद है.”
उज्जैन से तय होता था दुनिया का समय
सीएम मोहन यादव ने विधानसभा में संबोधन देते हुए कहा, “अब से 300 बरसे पहले तक भारत का टाइम स्टैंडर्ड दुनिया में माना जाता था, लेकिन काल के प्रवाह में जब हम गुलाम हुए तो फ्रांस की राजधानी पेरिस से स्टैंडर्ड टाइम तय होता रहा. उसके बाद अंग्रेज इसे ग्रीनविच ले गए और वहां से दुनिया का स्टैंडर्ड टाइम तय करने लगे. अब आप ये अंदाजा लगा सकते हैं.”
CM मोहन यादव करवाएंगे वेधशाला में शोध
सीएम मोहन यादव ने कहा— “हम दुनिया का समय ठीक करने के लिए उज्जैन की वेधशाला (लेबोरेटरी) में शोध करेंगे. वहां IIT और IIM के शोधकर्ता अध्ययन करेंगे और एक मंच तैयार करेंगे. ये विषय… जो हमने रखा है इसमें दुनिया के कई देश हमें समर्थन करेंगे.. यहां तक कि चीन और पाकिस्तान जैसे देश भी उनमें शामिल होंगे.
यहीं पर था महर्षि सांदीपनि का आश्रम
सनातन धर्म के श्रीमद्भागवत महापुराण के अनुसार, द्वापर युग में श्रीकृष्ण और बलराम…दोनों भाई मथुरा में अपने कुलगुरु गर्गमुनि से परामर्श कर अवंतिकापुरी स्थित महर्षि सांदीपनि के आश्रम पहुंचे थे. यही अवंतिकापुरी आज उज्जैन कही जाती है और आज भी वहां सांदीपनि आश्रम है. माना जाता है कि इसी आश्रम में शिक्षा ग्रहण करते हुए श्रीकृष्ण महज 64 दिनों में 64 कलाएं सीख ली थीं. उन्हें 14 विद्या मिलीं.
— भारत एक्सप्रेस
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