OTP Frauds In India: आज के इस बदलते दौर में ऑनलाइन शॉपिंग आज कल बहुत कॉमन बात है और लोग फ्लिपकार्ट (Flipkart), अमेज़न (Amazon) जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों (E-Commerce Companies) से ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं. लेकिन आज कल फेक डिलीवरी के नाम पर काफी ठगी का जा रही है. आजकल फेक डिलीवरी घोटाला या कैश-ऑन-डिलीवरी घोटाला जमकर वायरल हो रहा है. स्कैमर्स अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स साइटों से डिलीवरी एजेंट बनकर लोगों के बैंक खातों से सीधे पैसे चुरा लेते हैं.
वही ओटीपी स्कैमर्स (OTP Scammer) इस सुरक्षा का फायदा उठाकर आपको चुना लगा रहे है.ओटीपी के साथ फ्रॉड से बचने के लिए आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा.
ओटीपी शेयर करने से बचे
फेक ओटीपी स्कैम (Fake OTP Scam) को रोकने के लिए आपको सतर्क रहने की काफी जरूरत है. आप अपनी ओटीपी किसी के साथ शेयर न करें. आपको फोन/टेक्स्ट/ईमेल से फ्रॉडस्टर्स को ओटीपी देने पर आपके साथ धोखा हो सकता है. जालसाज लेन-देन में सहायता करने या बेहतर सेवाएं देने के झूठे वादे करके आपको फसाया सकते है. इस से आपको बच के रहना होगा.
ट्रांजेक्शन वेरिफाई करे
यदि आप से कोई व्यक्ति ओटीपी मांग रहा है, तो सबसे पहले उसे वेरिफाई करना होगा की वह सही है या गलत. आप टेक्स्ट या ईमेल द्वारा भेजे गए सुरक्षित कोड का यूज करके ट्रांजेक्शन को भी वेरिफाई करवा सकते हैं. ग्राहकों को पैसे का भुगतान करने और डिलीवरी की पुष्टि करने के लिए पहले डिलीवरी पैकेज खोल लेना चाहिए.
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क्यूआर कोड स्कैन करने से बचे
किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी मांगने वाले लिंक या वेबसाइटों पर भरोसा करने से बचे. डिलीवरी के बाद भुगतान पर क्यूआर कोड स्कैन करने से बचने के लिए, विश्वसनीय प्लेटफॉर्म के माध्यम से ही ऑनलाइन भुगतान करें.
ओटीपी एक तरह का पासवर्ड
ओटीपी यूजर्स को ट्रांजेक्शन या लॉगिन के लिए प्रमाणित करता है. ओटीपी एक तरह का पासवर्ड होता है, जो कंप्यूटर सिस्टम या अन्य डिजिटल डिवाइस पर केवल एक लॉगिन सेशन या ट्रांजेक्शन के लिए मान्य रहता है.
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