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मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने रचा इतिहास, भारतीय नौसेना को दो युद्धपोत किए सुपुर्द

ये दोनों युद्धपोत पूरी तरह स्वदेशी निर्माण के उत्कृष्ट उदाहरण हैं, जिनमें अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. यह भारतीय नौसेना की ताकत में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल की दिशा में एक बड़ा कदम है.

Mazagon Dock Shipbuilders Limited

मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) ने शुक्रवार को भारतीय नौसेना के लिए दो महत्वपूर्ण युद्धपोतों को सौंपकर एक नया इतिहास रच दिया. प्रोजेक्ट 17ए श्रेणी का पहला स्टेल्थ फ्रिगेट नीलगिरी और प्रोजेक्ट 15बी श्रेणी का चौथा गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर सूरत आज नौसेना को सौंपे गए.

इस ऐतिहासिक अवसर पर MDL के सीएमडी संजीव सिंघल और नौसेना के CSO (टेक) रियर एडमिरल आर. अधिस्रीनिवासन ने स्वीकृति दस्तावेज (D448) पर हस्ताक्षर किए. इस दौरान MDL और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

स्वदेशी निर्माण के उत्कृष्ट उदाहरण

ये दोनों युद्धपोत पूरी तरह स्वदेशी निर्माण के उत्कृष्ट उदाहरण हैं, जिनमें अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. यह भारतीय नौसेना की ताकत में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल की दिशा में एक बड़ा कदम है. MDL की पेशेवर योग्यता, विशेषज्ञता और जटिल युद्धपोत निर्माण में अनुभव ने इसे संभव बनाया है. भारतीय नौसेना को इन नए युद्धपोतों से समुद्री सुरक्षा में अभूतपूर्व मजबूती मिलेगी.

-भारत एक्सप्रेस



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