
गुरुग्राम के DLF इलाके में अवैध निर्माण और कॉमर्शियल एक्टीविटीज वाले घरों को सील करने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दिया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यथावस्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. कोर्ट ने डीटीपी को निर्देश दिया है कि वो चार सप्ताह तक कोई कार्रवाई ना करें. याचिकाकर्ताओं ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ यह याचिका दायर की गई है.
डीएलएफ कुतुब एंक्लेव आरडब्लूए की ओर से पेश वकील इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट को बताया कि साल 2008 में डीएलएफ क्षेत्र नगर निगम के अधीन आ गया है. यहां पर कार्रवाई अब गुरुग्राम नगर निगम कर सकता है. ऐसे में नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग इन क्षेत्र में कार्रवाई नहीं कर सकता है. इसको लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने दो अलग-अलग आदेश दिए हैं.
अवैध निर्माण और सीलिंग की कार्रवाई
ऐसे में हाल में ही 13 फरवरी को दिए आदेश के तहत कैसे सीलिंग और तोड़फोड़ की कार्रवाई की जा सकती है. पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने डीएलएफ फेस 3 रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट समीर पूरी की याचिका पर हाई कोर्ट ने सीलिंग कार्रवाई के आदेश दिए थे. डीएलएफ के जिस फेज 1 से 5 में कार्रवाई करनी थी, डीएलएफ फेज 1 से 5 के बीच करीब 15 हजार घर हैं. इनमें से करीब 4200 लोगों ने नियमों की धज्जियां उड़ाकर मकान का निर्माण किया.
हालांकि कहा जा रहा है कि वहां कई फिल्म स्टार और कारोबारियों की कोठियां भी है. इनमें अनिल कपूर, शाहरुख खान, अक्षय कुमार, अनुपम खेर के अलावा रणवीर कपूर व आलिया भट्ट के घर भी शामिल है.
साल 2011 में डीएलएफ सिटी वेलफेयर एसोसिएशन ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें आरोप लगाया था कि डीएलएफ के मकानों में नक्शे का जमकर उल्लंघन हुआ है. सात से आठ मंजिला मकान बना दिए हैं. इन मकानों में परचून, कपड़े, ब्यूटी पार्लर और मोबाइल की दुकान के अलावा रेस्तरां, पीजी और गेस्ट हाउस खोल दिए है. इसकी वजह से आसपास के रहने वाले लोगों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. इसी मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सीलिंग के आदेश दिए थे.
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-भारत एक्सप्रेस
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