तुर्किये इंसानों के साथ ही बेजुबानों को भी बचाया जा रहा है
Turkey: तुर्किये और सीरिया सदी की सबसे बड़ी तबाही से जूझ रहे हैं. इस भूकंप को यूरोप की सबसे खराब प्राकृतिक आपदाओं में से एक बताया गया है. त्रासदी में अब तक 37 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. दुनिया भर के कई देशों की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं. मलबे के नीचे ज़िंदगी की तलाश में सेटेलाइट्स भी मददगार साबित नहीं हो रही हैं. लेकिन इस बीच कई करिश्मे भी हो रहे हैं.
भूकंप से तबाह हो चुके तुर्किये में कुदरत का करिश्मा लगातार जारी है. घंटे दर घंटे जहां किसी के जिंदा बचने की उम्मीद धूमिल पड़ती जा रही है. वहीं मलबे के नीचे से रह-रह कर ही सही चमत्कार हो रहे हैं. इन चमत्कारों से रेस्क्यू टीमों के साथ-साथ हर कोई हैरान है. तभी तो कहीं भूकंप के 192 घंटे बाद भी किसी को जिंदा निकाल लिया जा रहा है तो कहीं मलबे में दबे लोगों की सांसें थामे रखने की जद्दोजहद किसी संघर्ष से कम नहीं लगती.
जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन
तुर्किये में छह फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप ने भयंकर तबाही मचाई है. मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम का सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है. ऐसे में रेस्क्यू टीमों को कहीं सफलता तो कहीं मायूसी हाथ लग रही है. ताजा मामले में रेस्क्यू टीमों ने दो लोगों को मलबे से जिंदा निकाला. जीरो डिग्री तापमान की भीषण ठंड में दोनों को सुरक्षित बाहर निकालना भगवान के किसी चमत्कार से कम नहीं है.
192 घंटों से गहरे मलबे में दबी महिला को निकाला गया
एक महिला आठ दिन यानी 192 घंटों से गहरे मलबे में दबी हुई थी. भारी भरकम गहरे मलबे में दबे होने के कारण महिला को अब तक ढूंढा नहीं जा सका था. लेकिन इसे मुमकिन बनाया इन रेस्क्यू डॉग्स ने. आठ दिनों तक मौत से संघर्ष करने के बाद आखिरकार राहत और बचाव दल उस तक पहुंच ही गया. बचावकर्मियों को महिला तक पहुंचने में दो घंटे से अधिक का समय लग गया. जिस रेस्क्यू टीम ने महिला को बचाया उसमें नाइन यूनिट और अलग अलग देशों का खोजी और बचाव दल शामिल है.
160 घंटे तक मलबे में दबी रही बच्ची
भूकंप से तुर्किये के 10 बड़े शहरों को खासा नुकसान पहुंचा है. दूसरी तस्वीर एक तेरह साल की बच्ची की है जिसे भूकंप प्रभावित इलाके से खोजा गया. बच्ची करीब 160 घंटे तक मलबे में दबी रही. जिस वक्त बच्ची को खोजा गया उसकी हालत काफी खराब थी. बच्ची कई दिनों से प्यासी है. रेस्क्यू टीम सदस्य उसे प्लास्टिक की पतली नली से पानी पिलाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी वो ऐसा ठीक से नहीं कर पा रहे. बस कोशिश बच्ची को बातों में उलझाकर किसी तरह सुरक्षित बाहर निकालने की है.
मुसकुराता हुआ दिखा बच्चा
अगली तस्वीर तुर्किये के अदीयमान शहर की है. वीडियो में एक बच्चा मुसकुराता हुआ दिख रहा है. जिसे हाल में अभी मलबे से निकाला गया है. ये तस्वीरें उस वक्त की हैं जब रेस्क्यू टीम उसे मलबे से दूर एक शेल्टर होम की तरफ ले जा रही है. बच्चे की मुस्कान देख वो इसे अपने कैमरे में कैद कर लेती है.
सिर्फ इंसान ही नहीं, बेजूबान भी हैं खुशकिस्मत
मलबे के नीचे से सिर्फ इंसानी जानों को बचाने में कामयाबी नहीं मिल रही. बल्कि कुछ बेजूबान भी खुशकिस्मत हैं जिन्हें बचाया जा सका है. सीरिया के कहारनमारस से आई इस तस्वीर को ही देखिए जहां मलबे की सफाई के दौरान नीचे फंसे इस कुत्ते को राहत और बचाव दल ने जिंदा बचा लिया. बाहर आते ही इस बेजूबान को मानों अपने जिंदा होने पर यकीन ही नहीं हुआ इसलिए बचाव दल काफी देर तक उसे धाँधस बँधाते रहे.
अगली तस्वीर एक कुत्ते और बिल्ली की है. भूकंप ने इन दोनों के मालिक को छीन लिया. जिसके बाद दोनों एक दूसरे को कुछ इस तरह दिलासा देने की कोशिश कर रहे हैं.
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-भारत एक्सप्रेस
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