देश की पहली रैपिड रेल का ट्रायल रन चल रहा है. जिसकी पहली झलक आज मीडिया के सामने दिखाई गई. हवा में बात करने वाली इस ट्रेन में मिलने वाली सुविधाओं को देखकर आप भी रोमांचित हो जाएंगे. इसमें एयरपोर्ट मेट्रो की तरह ही रखने की सुविधा के साथ-साथ मोबाइल, लैपटॉप चार्जिंग प्वाइंट और वाईफाई समेत कई सुविधाएं दी गई हैं. एक अधिकारी ने कहा कि पूरे 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) की परियोजना लागत लगभग 32,274 करोड़ रुपये है और यह 2025 तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा.
कुल 11,440 करोड़ रुपये खर्च
पिछले साल दिसंबर में सरकार ने संसद को बताया था कि महत्वाकांक्षी दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर परियोजना पर 30 नवंबर तक कुल 11,440 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) के अनुसार, जो महत्वाकांक्षी परियोजना को क्रियान्वित कर रहा है, RRTS ट्रेनों की डिज़ाइन गति 180 किमी प्रति घंटा और परिचालन गति 160 किमी प्रति घंटा होगी.
किराए के बारे में पूछे जाने पर एनसीआरटीसी के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि यह अभी तय नहीं किया गया है. फिलहाल आरआरटीएस ट्रेनों का परीक्षण गाजियाबाद के दुहाई डिपो से साहिबाबाद तक प्राथमिकता सेक्शन पर किया जा रहा है. प्राथमिकता वाले खंड में चार स्टेशन हैं – साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई.
वाईफाई समेत कई सुविधाएं
आधुनिक आरआरटीएस ट्रेनों में एर्गोनॉमिक रूप से 2×2 अनुप्रस्थ गद्दीदार बैठने की जगह, खड़े होने की जगह, सामान रखने की रैक, सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप, मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, ऑटो कंट्रोल एंबिएंट लाइटिंग सिस्टम, वाईफाई सुविधा, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम (एचवीएसी) हैं. , अन्य सुविधाओं के बीच.
डायनेमिक रूट मैप डिस्प्ले और आपातकालीन संचार सुविधाएं
आरआरटीएस कॉरिडोर पर चलने वाली ट्रेनों में मुख्य रूप से छह कोच होंगे, जिनमें पांच मानक और एक प्रीमियम श्रेणी का कोच होगा. एक कोच महिला यात्रियों के लिए भी आरक्षित रहेगा. इस बीच, आरआरटीएस स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाने का काम किया जा रहा है. अधिकांश आरआरटीएस स्टेशनों में तीन से चार मंजिलें हैं. ट्रेनों में डायनेमिक रूट मैप डिस्प्ले और आपातकालीन संचार सुविधाएं होंगी.
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