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भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी ताकत हैं अडानी के आधारभूत ढांचे वाले प्रोजेक्ट्स

Gautam Adani: गुजरात में अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन रणनीतिक रूप से एक बंदरगाह से देश के 13 रणनीतिक रूप से अहम बंदरगाहों में विकसित हो गया है.

Gautam Adani

अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी

देश में उद्योगपतियों का उद्यम राष्ट्रनिर्माण में किस हद तक अपना बेहतर किरदार अदा कर रहा है, इसका उदाहरण तेजी से विकासित हो रहे पोर्ट, एक्सप्रेस-वे, हवाई अड्डा समेत तमाम आधारभूत ढांचे का विकास है. जाहिर तौर पर भारत सरकार के इतने बड़े उपक्रम को जमीन पर उतारने का काम उद्योग जगत से जुड़ी हस्तियां ही कर रही हैं और इनमें अडानी समूह सबसे शीर्ष पर है.

उद्योगपतियों के प्रति आलोचनात्मक होने से पहले हमें अपने पड़ोसी देश चीन या यूरोपीय देशों को मानक के तौर पर देखना होगा. कुछ सवाल जरूर हैं, जिन्हें टटोलना होगा. मसलन, एशियाई देशों की तुलना में पश्चिमी देश अधिक विकसित क्यों हैं? निर्यात और मैन्युफैक्चरिंग की दौड़ में दक्षिण कोरिया और चीन भारत से क्यों आगे निकल गए हैं? भारत आर्थिक विकास के मामले में चीन से पीछे क्यों है? दरअसल, ऐसा इसलिए कि इन सभी देशों के पास उत्कृष्ट भौतिक संरचनाएं हैं.

पश्चिमी यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन ने उच्च आर्थिक विकास दर्ज किया है, क्योंकि उनके पास बेहतर सड़कें, बंदरगाह, मोटरमार्ग, हवाई अड्डे और अन्य बुनियादी ढाँचे हैं. यही बात अडानी समूह को भारत की विकास गाथा के लिए महत्वपूर्ण बनाती है.

गौतम अडानी देश के आर्थिक विकास का समर्थन करने के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं के निर्माण पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. भारत में बुनियादी ढांचे के विकास में सबसे आगे हैं. अडानी की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं ने भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, नौकरियां पैदा करने और लाखों लोगों के जीवन स्तर में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

अडानी का सबसे महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचा गुजरात स्थित मुंद्रा पोर्ट और स्पेशल इकोनॉमिक जोन है. मुंद्रा पोर्ट इंजीनियरिंग का शानदार नमूना और कमर्शियली काफी महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है. इसके जरिए भारत के भीतरी इलाकों में कई स्तर पर कनेक्शन स्थापित करता है. सबसे बड़े कोयला आयात टर्मिनल और अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे के साथ, डीप ड्राफ्ट, ऑल-वेदर पोर्ट भारत का सबसे बड़ा वाणिज्यिक पोर्ट है और तुरंत कार्गो निकासी और कम टर्नअराउंड समय की अनुमति देता है.

गुजरात में अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन रणनीतिक रूप से एक बंदरगाह से देश के 13 रणनीतिक रूप से अहम बंदरगाहों में विकसित हो गया है. ये टर्मिनल देश की पोर्ट क्षमता का 24 फीसदी हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं.
अडानी ने रणनीतिक रूप से ICD (अंतर्देशीय कंटेनर डिपो) और गोदामों के साथ-साथ भारतीय तटों पर बंदरगाहों का निर्माण किया है, जो देश के भीतरी इलाकों के लगभग 90% हिस्से तक आपूर्ति करते हैं.

मार्च 2023 में अडानी पोर्ट और SEZ (APSEZ) ने कुल 32 MMT कार्गों का संचालन किया. इसमें साल दर साल 9.5% की बढ़ोतरी दर्ज की गई. डीप ड्राफ्ट पोर्ट बनाए रखने की क्षमता APSEZ के ग्राहकों को बड़े जहाज पार्सल लाने में सक्षम बनाती है, जिससे उनकी पूरी रसद लागत कम हो जाती है. कम रसद लागत व्यवसायों को माल निर्यात करने, घरेलू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और प्रक्रिया में रोजगार दर बढ़ाने की अनुमति देती है.

अडानी केरल में हर मौसम में गहरे पानी का मदर पोर्ट भी बना रहा है. लेकिन, पोर्ट अडानी के आधारभूत ढांचे का सिर्फ एक ही पहलू है. अडानी ग्रुप ने रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में भी काफी महत्वपूर्ण निवेश किए हैं. कंपनी का लक्ष्य है कि वह 2025 तक 25 GW की रिन्यूएबल एनर्जी हासिल की जा सके.

इससे पहले मई 2022 में, एजीईएल ने भारत के पहले 390 मेगावाट के हाइब्रिड बिजली संयंत्र का संचालन किया था. इसके बाद सितंबर 2022 में दुनिया के सबसे बड़े सह-स्थित 600 मेगावाट के हाइब्रिड पावर प्लांट और दिसंबर 2022 में 450 मेगावाट के तीसरे हाइब्रिड पावर प्लांट को चालू किया गया. ये तीनों हाइब्रिड ऊर्जा उत्पादन संपत्ति राजस्थान के जैसलमेर में स्थित हैं.

कंपनी की अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं ने जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता को कम करने और एक स्वच्छ और हरित पर्यावरण को बढ़ावा देने में मदद की है. अडानी के पास सौर, पवन और हरित हाइड्रोजन घटकों के निर्माण के लिए एक जीवंत निवेश कार्यक्रम भी है.

गौरतलब है कि अडानी समूह वेयरहाउसिंग में एक बड़ा खिलाड़ी है. यह एक निवेशक और एक ईपीसी ठेकेदार के रूप में भी अपने पोर्टफोलियो का तेजी से विस्तार कर रहा है. पंजाब से लेकर तटीय क्षेत्रों तक अडानी के गोदामों में 30% अनाजों का भंडारण है.

सीमेंट बिजनेस में भी अडानी एक ताकतवर प्लेयर के रूप में सामने आया है. ACC और अंबुजा सीमेंट के अधिग्रहण के बाद कंपनी का रसूख इस क्षेत्र में और कायम हुआ है. यही हीं पावर सेक्टरम भी कंपनी ने कई महत्वपूर्ण निवेश करिए हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में कंपनीने कई सारे थर्मल पावर प्लांट स्थापित किए हैं. अडानी पावर ने देश में बिजली की खपत को सुनिश्चित किया है और उन लाखों परिवारों तक बिजली पहुंचाई है, जो अंधेरे में जीवन बसर करने के लिए मजबूर थे.

कपंनी कुछ उद्यमों को सीधे-सीधे निवेश और ऑपरेट करती है. जबकि, सरकारी कामों में पीपीपी मॉडल पर काम कर रही है. हालांकि, हाल के कुछ महीनों में राजनीतिक कारणों के चलते अडानी ग्रुप को निशाने पर रखा गया. वैसे तमाम आलोचनाओं के बीच अडानी समूह ने भारत में लगातार आधारभूत ढांचा को विकसित करने का काम जारी रखे हुए है. अर्थव्यवस्था में अपनी अहम भूमिका को और ज्यादा सुनिश्चित किए हुए है.

– भारत एक्सप्रेस



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