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UP Politics: “…शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है…”, 2000 के नोट बंद होने पर अखिलेश यादव ने कसा तंज, स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी साधा निशाना

UP News: आरबीआई द्वारा 2,000 के नोट को चलन से वापस लेने के फैसले के बाद से ही राजनीतिक घमासान जारी है. तमाम विपक्षी दलों के नेता केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है.

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अखिलेश यादव (फोटो ANI)

2000 Rupee Note: आरबीआई द्वारा 2,000 के नोट को चलन से वापस लेने के फैसले के बाद से ही राजनीतिक घमासान जारी है. तमाम विपक्षी दलों के नेता केंद्र सरकार पर निशाना साध रहें हैं. वहीं उत्तर प्रदेश में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने नेताओं के साथ मोर्चा खोल दिया है और केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साध रहे है. जहां एक ओर अखिलेश ने शासन को मनमानी से नहीं बल्कि समझदारी और ईमानदारी से चलाने की बात कहते हुए तंज कसा है तो वहीं दूसरी ओर अपने विवादित बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मोर्य ने भी सवाल उठाया है कि जब केंद्र सहित देश के तमाम हिस्सों में भाजपा सरकार है तो भला बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार कैसे हो गया.

2000 के नोटों को बैंकों को वापस करने के निर्देश जारी

आपको बता दें कि आरबीआई ने 30 सितंबर तक 2000 के नोटों को बैंकों को वापस करने के निर्देश जारी कर दिया हैं. इसके बाद से ही लोग नवम्बर 2016 की नोटबंदी के समय को भी याद कर रहे हैं और 2000 के नोटों के बंद होने की घोषणा को नेता उसी से जोड़कर देख रहे हैं और लगातार सरकार पर असफल होने का आरोप भी लगा रहे हैं. इसी कड़ी में अखिलेश यादव ने ट्विट करते हुए कहा कि, “कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है… 2000/- के नोट के मामले में भी ऐसा ही हुआ है लेकिन इसकी सज़ा इस देश की जनता और अर्थव्यवस्था ने भुगती है. शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है.”

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तो वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि,” 2 हजार रूपये की नोट जारी करने वाली भाजपा सरकार कालेधन व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के बहाने बंद करने जा रही है. क्या भाजपा बताएगी की केंद्र व तमाम प्रदेशो में भाजपा की ही सरकार है तो इतने कम समय में इतना बड़ा भ्रष्टाचार एवं कालाधन सम्भव कैसे हुआ? इसे भाजपा सरकार का भ्रष्टाचार कहें या करेंसी नीति की असफलता?”

 

सर्कुलेशन से बाहर होने के बाद भी ये नोट वैध रहेंगे

आरबीआई की ओर से जारी बयान के मुताबिक 2000 रुपये के नोटों के सर्कुलेशन से बाहर होने के बाद भी ये नोट वैध रहेंगे. आरबीआई के अनुसार, 30 सितंबर 2023 तक इन्हें बैंकों में जमा कराया जा सकता है और नोटों को बदला जा सकता है. इस सम्बंध में आरबीआई ने बैंकों से नए 2000 के नोट जारी करने पर तुरंत रोक लगाने को कहा है. इसी के साथ नोटों की बदली करने के लिए भी सभी बैंकों को निर्देश जारी किया है. वहीं अब लोग अपने बैंक खाते में 2000 के नोट जमा कर सकते हैं या किसी भी बैंक की शाखा में जाकर अपने नोट बदल सकते हैं. फिलहाल इस सम्बंध में अभी तक बसपा सुप्रीमो मायावती और सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर का कोई बयान सामने नहीं आया है.

-भारत एक्सप्रेस



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