विश्लेषण

Chandrayaan-3: विक्रम-प्रज्ञान के बाद अब प्रोपल्शन मॉड्यूल से आई Good News, ISRO ने कहा- कई साल तक चांद के चक्‍कर काटेगा

Propulsion Module Nuclear Technology: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO द्वारा लॉन्‍च किए गए Chandrayaan-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल अभी भी चांद के चारों तरफ चक्कर लगा रहा है. प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के साथ लॉन्‍च किया गया था. लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ने चांद पर लैंडिंग की थी, जबकि प्रोपल्शन मॉड्यूल (Propulsion Module) परमाणु तकनीक के कारण अभी चांद के चारों तरफ चक्कर लगा रहा है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि Chandrayaan-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल कई सालों तक चांद के चारों तरफ चक्कर लगाता रहेगा. वो अंतरिक्ष और चंद्रमा के नए रहस्यों को उजागर करता रहेगा. एटॉमिक एनर्जी कमीशन के चेयरमैन अजित कुमार मोहंती ने एक इंग्लिश न्यूजपेपर को दिए गए बयान में इस बात की पुष्टि की. अजित कुमार ने कहा कि भारत का न्यूक्लियर सेक्टर ISRO के महत्वपूर्ण स्पेस मिशन में शामिल था.

यह कई सालों तक चांद के चारों तरफ चक्कर लगा सकता है

Chandrayaan-3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी. वीरामुथुवेल ने कहा कि भविष्य में ISRO परमाणु तकनीकों का इस्तेमाल अपने अंतरिक्ष में मिशन में करे, ताकि हमारे रोवर और लैंडर ज्यादा समय तक काम कर सकें. बहरहाल, Chandrayaan-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल यानी PM परमाणु तकनीक यानी परमाणु तकनीक के जरिए ऊर्जा हासिल कर रहा है. बताया जा रहा है कि प्रोपल्शन मॉड्यूल में दो रेडियोआइसोटोप हीटिंग यूनिट्स (Radioisotopes Heating Units – RHU) हैं. यह एक वॉट की ऊर्जा पैदा कर रहा है. इससे प्रोपल्शन मॉड्यूल को जरूरी तापमान मिल रहा है.

यह भी पढ़िए: Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 की तीन देशों ने खींची तस्वीरें, जानिए चांद की सतह पर क्या कर रहा विक्रम लैंडर

विक्रम लैंडर से 17 अगस्त को अलग हुआ था प्रोपल्शन मॉड्यूल

प्रोपल्शन मॉड्यूल Chandrayaan-3 के उन 3 हिस्‍सों में से एक है, जो ISRO ने इस अपने तीसरे मून मिशन के तहत अंतरिक्ष में भेजे थे. प्रोपल्शन मॉड्यूल 17 अगस्त 2023 को विक्रम लैंडर से अलग हुआ था. उसके बाद 23 अगस्‍त को विक्रम लैंडर ने चांद पर लैंडिंग की थी. इस बारे में जब इसरो वैज्ञानिकों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्‍होंने कहा कि पहले प्रोपल्शन मॉड्यूल की लाइफ 3 से 6 महीने लग रही थी, लेकिन अब ऐसा लगता है कि यह कई सालों तक काम कर सकता है.

— भारत एक्सप्रेस

Vijay Ram

ऑनलाइन जर्नलिज्म में रचे-रमे हैं. हिंदी न्यूज वेबसाइट्स के क्रिएटिव प्रेजेंटेशन पर फोकस रहा है. 10 साल से लेखन कर रहे. सनातन धर्म के पुराण, महाभारत-रामायण महाकाव्यों (हिंदी संकलन) में दो दशक से अध्ययनरत. सन् 2000 तक के प्रमुख अखबारों को संग्रहित किया. धर्म-अध्यात्म, देश-विदेश, सैन्य-रणनीति, राजनीति और फिल्मी खबरों में रुचि.

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