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Nisar: ISRO के साथ अब तक का सबसे महंगा अर्थ इमेजिंग सैटेलाइट लॉन्च करेगी NASA, हर 12 दिन में लगाएगा यह पूरी धरती का एक चक्कर

Nisar Details: इसरो और नासा का मिशन Nisar पूरी दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने वाला प्रोजेक्‍ट होगा. इसका रडार इतना दमदार होगा कि यह 240 किलोमीटर तक के क्षेत्रफल की एकदम साफ तस्वीरें ले सकेगा. जानिए कब होगा लॉन्‍च-

isro nisar Nasa

नासा और इसरो का निसार मिशन 2024 में लॉन्च होगा, यह अंतरिक्ष में रहकर क्लाइमेट चेंज को लेकर जानकारी इकट्ठा करेगा.

Nisar Satellite USA and India : चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO एक और बड़े प्रोजेक्‍ट में जुटी है. ISRO अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के साथ मिलकर निसार (Nisar) को अंतरिक्ष में लॉन्‍च करेगी. यह पृथ्वी पर नजर रखने वाला एक उच्‍चकोटि का रडार मिशन है, जो पूरी दुनिया को बाढ़, आग, भूस्खलन, भूकंप, तूफान, चक्रवात जैसी आपदाओं की जानकारी काफी पहले ही पहुंचा दिया करेगा.

पृथ्वी से 2024 में लॉन्च किया जाएगा निसार

निसार (Nisar) का पूरा नाम है नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar). यह रडार मिशन क्लाइमेट चेंज के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है. इससे जंगलों और वेटलैंड (नमी या दलदली भूमि वाले क्षेत्र) पर निगरानी की जा सकेगी. ISRO की ओर से बताया गया है कि इस सैटेलाइट को साल 2024 में लॉन्च किया जाएगा. इसके साइंटिफिक पेलोड में दो प्रकार के रडार सिस्टम हैं.

NISAR Earth Observation Satellite

10 हजार करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा लागत आएगी

निसार (Nisar) मिशन की कुल लागत 10 हजार करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा बताई जा रही है. निसार के सैटेलाइट में ISRO ने 788 करोड़ रुपए और NASA ने 80.8 करोड़ डॉलर का योगदान दिया है. यह अब तक का सबसे महंगा सैटेलाइट होगा. इसके कल-पुर्जे 9 मार्च 2023 को बेंगलुरु पहुंचाए गए. फरवरी में इसे NASA ने ISRO को सौंपा था. इसे रिसीव करने के लिए खुद ISRO प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी गए थे.

240 किमी इलाके की एकदम साफ तस्वीरें ले सकेगा

NISAR का रडार इतना दमदार होगा कि यह 240 किलोमीटर तक के क्षेत्रफल की एकदम साफ तस्वीरें ले सकेगा. इस सैटेलाइट को नासा और इसरो ने मिलकर बनाया है. दरअसल, ये अंतरिक्ष एजेंसियां पता लगाना चाहती हैं कि फारेस्ट और वेटलैंड में कार्बन सर्किल पर क्या असर हो रहा है और इससे क्लाइमेट चेंज कैसे हो रहा है. इसके साथ ही वैज्ञानिकों को पहले से ही आने वाली आपदाओं के बारे में जानकारी मिल सकेगी.

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बाढ़, आग, भूस्खलन, भूकंप, तूफान, चक्रवात का अलर्ट मिलेगा

वैज्ञानिकों के अनुसार, NISAR ऐसा सैटेलाइट है जो पूरी दुनिया को बाढ़, आग, भूस्खलन, भूकंप, तूफान, चक्रवात जैसी आपदाओं की जानकारी पहले ही देगा. यह धरती का पूरा एक चक्कर लगाने में 12 दिन लेगा. इसके साइंटिफिक पेलोड में दो प्रकार के रडार सिस्टम हैं.

— भारत एक्सप्रेस



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