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विश्लेषण

कोरोना काल से ही सरकारी प्रबंधन पर आरोप लग रहा था कि कानूनी लड़ाई के नाम पर क्लब का एक करोड़ रुपए से ज्यादा पैसा खर्च कर दिया गया.

देश की शीर्ष जांच एजेंसियों का सिद्धांत यह होना चाहिये कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। फिर वो चाहे किसी भी विचारधारा या राजनैतिक पार्टी का समर्थक ही क्यों न हो।

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के भूविज्ञानी डॉ विक्रम गुप्ता कहते हैं कि जोशीमठ में धसाव की समस्या दशकों पुरानी है. शहर में अव्यवस्थित विकास से लेकर बड़ी परियोजनाएं भी सकती हैं.

न्यू फ्रेंड्स कालोनी की जिस कोठी में नंदा रहते थे वह कंपनी की संपत्ति थी. झा ने राधाकृष्ण और अपने साथी सीए माजिद के साथ मिलकर नकली दस्तावेज बनाए और दिखा दिया कि वह मार्च 2021 में ही इस कंपनी का निदेशक बन चुका था.

आज भले ही हर और चर्चा हो रही है कि दिल्ली नगर निगम में महापौर आम आदमी पार्टी का बनेगा या भाजपा का. लेकिन असली लड़ाई महापौर नहीं बल्कि स्थाई समिति पर कब्जे की है. क्योंकि नगर निगम में तमाम वित्तीय फैसले इसी समिति से मंजूर होते हैं. ऐसे में जो यहां जीत हासिल करेगा, वही निगम का असली मालिक बनेगा.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा संसद में दी गई जानकारी में सबसे चौंकाने वाली स्थिति दिल्ली की है.

क्लब सूत्रों की मानें तो सर्वोच्च न्यायालय के सितम्बर 2021 के आदेशों की अवमानना कर क्लब के हजारों सदस्यों के मूल दस्तावेजों को षड्यंत्र के तहत नष्ट कर दिया गया है.

चीन में कोविड की नई लहर आने के पीछे वहाँ के बुरे प्रबंधन और वैक्सीन की गुणवत्ता है. यदि समय रहते चीन ने इस महामारी का सही से प्रबंधन किया होता तो यह प्रकोप दुनिया भर में नहीं फैलता.

स्कूल प्रशासन ने 11 नवम्बर 2022 को, मामले की सुनवाई की पहली तारीख़ पर ही ग्रेच्युटी देने की माँग को स्वीकार लिया और मामला रद्द करने की अपील की.

गौरतलब है कि आम सभा की बैठक बुलाने का फैसला सरकारी निदेशकों ने क्लब सदस्यों की पहल के बाद लिया गया है. क्लब के 30 वरिष्ठ सदस्यों ने क्लब को ईमेल भेजकर आपातकालीन आम सभा बुलाने की मांग की थी.