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Pathaan controversy: हमारा मकसद भावनाएं आहत करना नहीं- पठान विवाद पर शाहरुख खान ने तोड़ी चुप्पी

Pattaan: पठान विवाद को लेकर पहली बार शाहरुख खान ने बात की. उन्होंने कहा कि ऑडियंस को एक्टर्स के फिल्मी किरदारों को इतना गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. किसी भी एक्टर का मकसद लोगों की भावनाओं को आहत करना नहीं है. साथ ही वो कहते हैं कि एंटरटेनमेंट को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए.

Pathaan controversy:

फिल्म 'पठान' (फोटो)

Pattaan-   शाहरुख खान अपनी नई फिल्म ‘पठान’ को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. इस फिल्म के साथ किंग खान ने बड़े पर्दे पर वापसी की है. आज ‘पठान’ देश से लेकर विदेश तक के बॉक्स ऑफिस पर छाई हुई है. लेकिन शाहरुख खान के लिए इस फिल्म को रिलीज करवाना बहुत आसान नहीं रहा. देशभर के अलग-अलग राज्यों में ‘पठान’ की रिलीज को लेकर काफी विवाद हुआ था. कई लोगों का कहना था कि फिल्म के गाने और सीन्स से उनकी भावनाएं आहत हुई हैं. अब शाहरुख ने अपनी फिल्म पर हो रहे विवाद पर पहली बार बात की.

‘किसी की भावना आहत करना मकसद नहीं’

सोमवार शाम मुंबई में शाहरुख ने ‘पठान’ की टीम के साथ मिलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस इवेंट के दौरान सुपरस्टार ने फैंस को उनके सपोर्ट के लिए शुक्रिया कहा. फिल्म के बारे में बात करते हुए शाहरुख खान ने अपनी, दीपिका पादुकोण और जॉन अब्राहम की तुलना 1977 में आई डायरेक्टर मनमोहन देसाई की फिल्म ‘अमर अकबर एंथनी’ से की. उन्होंने कहा कि ऑडियंस को एक्टर्स के फिल्मी किरदारों को इतना गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. किसी भी एक्टर का मकसद लोगों की भावनाओं को आहत करना नहीं है.

शाहरुख खान कहते हैं, ‘सबका मकसद एक ही है. हमें खुशी, भाईचारा, प्यार, दयालुता फैलानी है. भले ही मैं ‘डर’ जैसी किसी फिल्म में निगेटिव रोल निभा रहा हूं. भले ही मैं ‘बाजीगर’ में हूं. भले ही जॉन किसी फिल्म में विलेन बना हो. हम असल जिंदगी में बुरे नहीं हैं. हम आपको खुश करने के लिए अलग-अलग किरदार निभा रहे हैं. अगर हम फिल्मों में कोई बात कहते हैं तो वो किसी की भी भावनाएं और किसी को आहत करने के लिए नहीं है. ये बस एंटरटेनमेंट है.’

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‘एंटरटेनमेंट को ना लें सीरियस’

आगे उन्होंने कहा, ‘हम एक दूसरे से प्यार करते हैं. हम एक दूसरे के साथ मजाक करते हैं. हम एक दूसरे के साथ मस्ती करते हैं. मस्ती और मनोरंजन को उनकी जगह पर वैसा ही छोड़ देना चाहिए. इन्हें ज्यादा सीरियस नहीं लेना चाहिए. हम सब एक हैं. हम सब एक दूसरे से प्यार कर रहे हैं और इस प्यार को फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. आसान तरीके से समझाने की कोशिश करूं. तो ये दीपिका पादुकोण हैं, ये अमर हैं. मैं शाहरुख खान हूं, मैं अकबर हूं. ये जॉन हैं, ये एंथनी हैं. अमर, अकबर एंथनी, यही सिनेमा है.’ किंग खान कहते हैं, ‘किसी के लिए, किसी की संस्कृति के लिए या जिंदगी के किसी भी पहलू के लिए हम भेदभाव की भावना नहीं रखते. हम आपसे प्यार करते हैं और इसीलिए हम फिल्में बनाते हैं. हम प्यार के भूखे हैं. जितना भी प्यार मिलता है आपको हमारी फिल्म देखकर और हमको आपकी खुशी देखकर वो हमारे लिए किसी भी इनाम से बड़ा है.’

-भारत एक्सप्रेस

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