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वाराणसी में बच्चे की जान जाने पर पता चला वीडीए के जोनल अधिकारी और जेई ने कराया था अवैध निर्माण

जांच रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद वाराणसी विकास प्राधिकरण पर मोटी रकम लेकर अवैध निर्माण कराने का आरोप प्रमाणित होता दिख रहा है.

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वाराणसी विकास प्राधिकरण

उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर लगातार काम रहे हैं, लेकिन कुछ सरकारी अफसर अपनी कार्यशैली से सरकार की साख पर बट्टा लगा रहे है. वाराणसी में एक ताजा मामला सामने आया है जिसमें एक बच्चे की जान जाने के बाद हुई जांच में वाराणसी विकास प्राधिकरण ने अपने ही जोनल अधिकारी और जूनियर इंजीनियर को दोषी माना है.

जांच रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद वाराणसी विकास प्राधिकरण पर मोटी रकम लेकर अवैध निर्माण कराने का आरोप प्रमाणित होता दिख रहा है. हालांकि इस मामले में दोषी मिले जोनल अधिकारी और जेई के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति वीडीए उपाध्यक्ष ने शासन से की है.

वीडीए अफसरों ने किया खेल

यह मामला वाराणसी के चेतगंज स्थित मंशाराम फाटक पर हुए अवैध निर्माण से जुड़ा है. जांच रिपोर्ट के अनुसार जोनल अधिकारी चंद्रभानु ने भवन स्वामी उत्कर्ष मौर्य और बिल्डर दूर आलम के लिए नियमों को नजरंदाज किया और अवैध निर्माण में मदद की. भवन स्वामी ने तीन मंजिला मकान के लिए शमन मानचित्र दाखिल किया था. उसका जेई ने 3 लाख 76 हजार 214 रुपये शुल्क तय किया. उत्कर्ष मौर्य ने अतिरिक्त फ्लोर के साथ सेटबैक कवर करते हुए कई फ्लैटों का निर्माण करा लिया.

भवन स्वामी, बिल्डर में जोनल अधिकारी और जेई को इस कदर उपकृत कर रखा था कि बच्चे की मौत के बाद भी अवैध निर्माण पर विधिक कार्रवाई नहीं हुई. भवन के स्वीकृत मानचित्र के अतिरिक्त हुआ निर्माण भी शमन कर दिया गया.

वीडीए उपाध्यक्ष ने कार्रवाई के लिए शासन से की संस्तुति

इस मामले में जांच इसलिए हुई क्योंकि इस साल फरवरी में मंशाराम फाटक में भवन संख्या 9/322 की ऊपरी मंजिल पर पतंग उड़ाते समय एक बच्चे की नीचे गिरने से मृत्यु हो गई थी. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने संयुक्त सचिव परमानंद यादव को जांच सौंपी थी. मामले की जांच में वीडीए के जोनल अधिकारी और जेई का बिल्डर और भवन स्वामी के साथ मिलकर किया गया खेल उजागर हो गया.

इस प्रकरण में वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने बताया कि अवैध निर्माण के खिलाफ पीडीए की जीरो टालरेंस नीति के तहत जोनल अधिकारी और जेई के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन में संस्तुति की गई है. वहीं अनाधिकृत भवन का विधि विरूद्ध तरीके से किया गया, शमन मानचित्र निरस्त करते हुए अवैध निर्माण के विरूद्ध ध्वस्तीकरण आदेश किया गया है. निर्माणकर्ता व सम्बन्धित ठेकेदार के विरूद्ध एफआईआर भी दर्ज कराई गई है.

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-भारत एक्सप्रेस



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