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Amroha: ऑनर किलिंग के झूठे मामले में हुई विभागीय जांच में दोषी मिले 11 पुलिसकर्मी, जिंदा किशोरी को बताया था हत्या का शिकार

28 दिसंबर 2019 को लापता हुई जीवित किशोरी को मृत दिखाकर पुलिस ने उसके पिता, भाई और रिश्तेदार को ऑनर किलिंग के आरोप में जेल भेज दिया था.

UP Police

फोटो-सोशल मीडिया

Amroha: यूपी के अमरोहा जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां पर जिंदा किशोरी को ऑनर किलिंग का शिकार बताने वाले 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ चल रही विभागीय जांच में भी दोषी पाया गया है. जानकारी सामने आ रही है कि, सीओ ने विभागीय जांच की रिपोर्ट एसपी को सौंप दी है और अब इस मामले में एसपी के स्तर से अगला निर्णय लिया जाएगा. तो वहीं दोषी ठहराए गए 11 में से एक दरोगा की सेवानिवृत्ति हो चुकी है. बता दें कि लापता हुई जीवित किशोरी को मृत दिखाकर पुलिस ने उसके पिता, भाई और रिश्तेदार को ऑनर किलिंग के आरोप में जेल भेज दिया था.

जानें पूरा मामला

बता दें कि 6 फरवरी 2019 को आदमपुर थाना क्षेत्र एक गांव में रहने वाले किसान की 15 वर्षीय बेटी खेत से गायब हो गई थी. इस पर बहुत तलाश करने के बाद भी जब वह नहीं मिली तो किशोरी के भाई ने 10 फरवरी को पांच लोगों के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसके बाद पुलिस ने जांच-पड़ताल के बाद नामजदों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. वहीं दूसरी ओर इस मामले में आगे की कार्रवाई जारी रखते हुए पुलिस ने किशोरी का सुराग न लगने पर फर्जी खुलासा करते हुए इसे ऑनर किलिंग का मामला बता दिया और 28 दिसंबर 2019 को किशोरी के पिता, भाई और एक रिश्तेदार को किशोरी का हत्यारा बताकर जेल में डाल दिया. इस पूरी घटना में पुलिस ने तर्क दिया था कि किशोरी गलत संगत में पड़ गई थी. इस पर परिवार ने इज्जत बचाने के लिए उसकी गोली मारकर हत्या कर दी और शव को गंगा में बहा दिया.

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2020 को किशोरी मिली थी जिंदा

बता दें कि 2019 में जहां एक ओर इस झूठी कहानी पर खुद की पीठ षड्यंत्रकारी पुलिस थपथपा रही थी कि अगस्त 2020 में किशोरी जिंदा मिल गई. किशोरी अपने गांव से आठ किलोमीटर दूर प्रेमी के गांव में एकदम सही-सलामत मिली. इस मामले में जानकारी सामने आई थी कि किशोरी प्रेमी के साथ शादी करके उसकी पत्नी बनकर उसी के साथ रह रही थी, जिसकी जानकारी किसी को नहीं थी, लेकिन जैसे ही इस बात की भनक पुलिस को लगी पुलिस ने तुरंत यू-टर्न लेकर किशोरी के पति को अपहरण और नाबलिग से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इसी के बाद इस सच की जानकारी जब अदालत को हुई तो किशोरी के पिता, भाई और रिश्तेदार को जेल से रिहा कर दिया गया. इसके बाद पूरे घटनाक्रम को देखते हुए अदालत ने कड़ी टिप्पणी भी की थी और विवेचना से लेकर खुलासे तक में शामिल रहे आदमपुर के तत्कालीन इंस्पेक्टर अशोक कुमार शर्मा के अलावा 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर दी गई थी. बता दें कि उसी समय नामजदों में शामिल दारोगा विनोद कुमार त्यागी के सेवानिवृत्त हो जाने के कारण अन्य 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था.

-भारत एक्सप्रेस

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