पीड़ित किसान-फोटो सोशल मीडिया
UP News: नियम-कानून को ताक पर रखकर दबंगों ने किसान की उस जमीन पर कब्जा कर लिया है, जिसका कोर्ट से स्टे आर्डर मिला है. मामला उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद से सामने आया है. इस घटना को देखने के बाद लोग यही कह रहे हैं कि यहां पर दबंगों के हौसले बुलंद हैं और वे गरीब व किसानों की जमीन पर कब्जा करने में जुटे हैं. फिलहाल इस मामले में पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लग रहा है.
पीड़ित का आरोप है कि पुलिस स्टे होने के बाद भी कोर्ट के ऑर्डर का पालन नहीं करवा पा रही है और किसान की जमीन उससे जबरन छीनी जा रही है. मामला लालगंज थाना क्षेत्र के देइसांड गांव से सामने आया है, यहां दबंगों ने धौंस जमाकर मजबूर व गरीब किसान रामचन्द्र की जमीन कब्जा कर ली है. रामचंद्र का कहना है कि जमीन को दबंगों के हाथ से छुड़ाने के लिए वह दिन-रात एसडीएम से लेकर पुलिस थाने के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने आरोप लगाया है कि पड़ोसी राजेंद्र प्रसाद, दिलीप चौधरी और विवेक चौधरी ने उनकी जमीन पर जबरन कब्जा कर निर्माण कार्य तक करा लिया है और वह न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं.
पीड़ित ने क्या कहा
इस पूरे मामले को लेकर रामचन्द्र ने मीडिया को जानकारी दी कि, गाटा संख्या 812 की जमीन बैनामशुदा है. कुल आठ बिस्वा जमीन का आधा बंटवारे के बाद उसके भाई महेंद्र वर्मा के पास चला गया था और चार बिस्वा जमीन पर उसका अधिकार है. उन्होंने आगे बताया कि, दबंग राजेंद्र और दिलीप ने मिलकर उनकी चार में से डेढ़ बिस्वा जमीन पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया है और निर्माण कार्य भी करा लिया है. उन्होंने बताया कि वह परिवार के साथ मुंबई में रहते हैं और वहीं पर कमाते-खाते हैं. बस्ती जिले में उनकी पैतृक संपत्ति है. इसीलिए दबंग जब कब्जा कर निर्माण कार्य करा रहे थे तो उनको जानकारी नहीं हो सकी और जब वह किसी काम के लिए गांव लौटे तो उनको अपनी जमीन पर कब्जा मिला और फिर उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इस पर 2018 को सिविल जज जूनियर डिविजन खलीलाबाद की तरफ से जमीन पर स्टे का ऑर्डर भी है.
पुलिस की जानकारी में नहीं था निर्माण कार्य
इस संबंध में राम चंद्र ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उनके पास स्टे ऑर्डर है, बावजूद इसके पुलिस ने निर्माण कार्य को नहीं रुकवाया. इससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस भी दबंगों से मिली हुई है. उन्होंने बताया कि कोर्ट के माध्यम से जमीन की पैमाइश का आदेश अभी तक रुका हुआ है. तो वहीं राम चंद्र को ये डर है कि कहीं जमीन हाथ से निकल न जाए. इस मामले में सदर एसडीएम विनोद पांडे ने मीडिया को जानकारी दी कि, मामला जमीन विवाद का है. लेखपाल को जांच करने के लिए कहा गया है. रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी. तो वहीं लालगंज थाने के एसओ ने मीडिया को बताया कि, मौके पर पुलिस ने कई बार निर्माण कार्य रुकवाया था. इसी के साथ उन्होंने दावा किया कि, निर्माण कार्य की जानकारी पुलिस को नहीं थी. उन्होंने कहा कि, उच्चाधिकारियों के निर्देश पर उचित कार्रवाई की जाएगी. पीड़ित को न्याय मिलेगा.
-भारत एक्सप्रेस