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G20 से पहले World Bank ने जमकर की भारत की तारीफ, कहा- 47 साल का काम 6 सालों में कर दिया

World Bank: दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से पहले वर्ल्ड बैंक ने भारत की जमकर तारीफ है. दरअसल पिछले कुछ में भारत सरकार द्वारा डिजिटल पेमेंट की दिशा में कई बड़े कदम उठाए हैं, जो विश्व बैंक को काफी पसंद आए हैं. बैंक ने भारत की तारीफ करते हुए अपने जी-20 दस्तावेज में कहा कि, “डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिये भारत ने वित्तीय समावेशन लक्ष्य को 6 साल में हासिल कर लिया है. भारत की यह बड़ी उपलब्धि है. इस पूरा करने में 47 साल लग जाते. इसके मतलब मोदी सरकार ने 47 साल के काम को केवल 6 साल में ही करके दिखा दिया है.” वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि जन धन बैंक खाते, आधार और मोबाइल फोन (JAM) जैसे डिजिटल भुगतान ढांचे (DPI) के बिना भारत को 80 फीसदी वित्तीय समावेशन दर हासिल करने में 47 साल लग सकते थे, जिसे देश ने केवल छह साल में हासिल किया है

विश्व बैंक ने अपने दस्तावेजों में बताया है कि पिछले वित्तीय साल UPI के लेनदेन का कुल मूल्य भारत की जीडीपी (GDP) का करीब आधे फीसदी थी. DPI का इस्तेमाल करके भारत में ग्राहकों को बैंको से जोड़ी की लागत 23 डॉलर से घटकर 0.1 डॉलर हो गई.

DBT के चलते 33 अरब डॉलर की बचत

मार्च 2022 तक भारत ने डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) के चलते कुल 33 अरब डॉलर की बचत की, जोकि जीडीपी के लगभग 1.14 फीसदी के बराबर है. वित्तीय समावेशन के लिए जी-20 ग्लोबल पार्टनरशिप (GPFI) दस्तावेज विश्व बैंक ने वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रतिनिधित्व वाले G20 इंडिया की अध्यक्षता के मार्गदर्शन और इनपुट के साथ तैयार किया गया है. जानकारी के मुताबिक, भारत जी20 शिखर सम्मेलन मे अपनी डिजिटल भुगतान की सफलताओं को प्रदर्शित कर सकता है. वर्ल्ड बैंक के दस्तावेज के मुताबिक, डिजिटल आईडी, इंटरऑपरेबल पेमेंट, एक डिजिटल क्रेडेंशियल लेजर और बैंक खातों को जोड़कर सिर्फ छह साल में भारत ने उल्लेखनीय 80 फीसदी वित्तीय समावेशन दर हासिल की है.

जनधन बैंक खातों और मोबाइल फोन के साथ-साथ आधार जैसे डीपीआई के कार्यान्वयन ने 2008 में लगभग एक-चौथाई वयस्कों से बढ़ाकर अब बैंक खातों तक 80 फीसदी से अधिक लोगों की पहुंच बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

भारत में UPI प्लेटफॉर्म की बड़ी लोकप्रियता

UPI के प्लेटफॉर्म ने भारत में बड़ी सफलता और लोकप्रियता हासिल की है. मई 2023 में 14.89 खरब रुपये मूल्य के 9.41 अरब से अधिक लेनदेन किए गए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, डीपीआई बिजनेस चलाने की जटिलता, लागत और समय में कटौती के जरिये निजी संगठनों के लिए दक्षता बढ़ा सकते हैं.

– भारत एक्सप्रेस

 

Rahul Singh

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