सीएम योगी (फाइल फोटो)
Atiq’s shooter Abdul Kavi: गुजरात की जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के गुर्गों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. उत्तर प्रदेश में अपराधियों और माफियाओं के ऊपर शिकंजा कसने का सिलसिला जारी है. प्रदेश में अब एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, राज्य की जांच एजेंसियों के अलावा अब केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने भी माफियाओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
सीबीआई की टीम ने अतीक अतीक अहमद के खास शूटर अब्दुल कावी (Abdul Kavi) पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. कावी की अवैध संपत्ति का हिसाब किताब करने के लिए गुरुवार को सीबीआई जांच एजेंसी कौशाम्बी पहुंची.
अतीक अहमद का खास शूटर है अब्दुल
जानकारी के मुताबिक, जांच एजेंसियों को इनपुट्स मिले है कि गुजरात की जेल में बंद माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmad) कई घटनाओं को अंजाम देने के लिए अपने पुराने भरोसेमंद शूटरों की मदद लेता है. अब्दुल कावी भी उन्हीं शूटरों में से एक है. जो पिछले 14 सालों से पुलिस हिरासत से बाहर है. वहीं सीबीआई को यह भी इनपुट मिले हैं कि अब्दुल उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Case) में शामिल हो सकता है. जिसके बाद कौशांबी जिले के जमालपुर भखंडा में कावी के तीन करोड़ के अवैध घर पर बुलडोजर चलाया गया था.
गुरुवार को कावी की संपत्ति का हिसाब लेने के लिए सीबीआई की दो सदस्यीय टीम कौशांबी जिले की मंझनपुर तहसील पहुंची. करोड़ों रुपये की संपत्ति अवैध रूप से अब्दुल कावी के करीबी दोस्तों द्वारा इकट्ठा किया गया था. इसमें कहा गया है कि उमेश पाल हत्याकांड के तार 18 साल पहले प्रयागराज में बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड से भी किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं.
अचल संपत्ति की मिली जानकारी
जानकारी के मुताबिक दिल्ली से आए दो अधिकारियों ने तहसीलदार भूपाल सिंह से करीब ढाई घंटे तक बातचीत कर जानकारी जुटाई. इस दौरान माफिया अतीक के शूटर रहे अब्दुल कावी के बारे में कई सवाल पूछे गए. जिसके बाद उसकी अचल संपत्ति के बारे में पता चला. यहां सीबीआई की टीम ने र रकसराय गांवों के जमीन के रिकॉर्ड के ब्लूप्रिंट हासिल किए. जिसमें अब्दुल के कई परिजनों के कागजात मिले हैं.
– भारत एक्सप्रेस