क्या ट्रेन की तरह कोहरे का असर मेट्रो पर भी पड़ता हैं? यहां जान लीजिए जवाब
Brij Bhushan Singh Sexual Harassment case: पूर्व WFI प्रमुख और भाजपा नेता बृजभूषण सिंह और एक अन्य आरोपी के खिलाफ कई महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को बृजभूषण के खिलाफ ‘आरोप तय’ करने का आदेश दिया.
राउज एवेन्यू कोर्ट में एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने आदेश जारी करते हुए कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पांच महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के अपराध के मामले में आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सामग्री है. अदालत को बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ धारा-354 और 354 ए (आईपीसी) के तहत आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सामग्री मिली. दो महिलाओं के आरोप पर उनके खिलाफ धारा 506 (भाग 1) के तहत भी आरोप तय किये गये हैं. हालाँकि, अदालत ने बृजभूषण को छठी पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया.
अदालत ने बृजभूषण के अलावा दूसरे आरोपी विनोद तोमर के खिलाफ भी एक महिला के आरोप पर आईपीसी की धारा-506 (भाग 1) के तहत आरोप तय किए और उसके खिलाफ लगाए गए बाकी आरोपों से उसे बरी कर दिया. अदालत ने अब इस मामले को आधिकारिक तौर पर आरोप तय करने के लिए 21 मई को सूचीबद्ध किया है. हाल ही में इसी अदालत ने भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह द्वारा दायर एक आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसमें आगे की जांच करने और एक कोच के कॉल डिटेल रिकॉर्ड को पेश करने की मांग की गई थी.
बृज भूषण ने नई दिल्ली में WFI कार्यालय में एक कथित घटना के संबंध में कोच विजेंदर की सीडीआर रिकॉर्ड में रखने का निर्देश देने की मांग की थी. सिंह ने दावा किया कि वह उक्त तिथि पर दिल्ली में नहीं थे. वह 7 सितंबर, 2022 को सर्बिया में थे. बृज भूषण शरण सिंह और विनोद तोमर के खिलाफ दायर दिल्ली पुलिस के आरोप पत्र में कहा गया है कि दोनों आरोपियों को ‘बिना गिरफ्तारी’ के मुकदमे के लिए आरोप पत्र सौंपा गया है क्योंकि उन्होंने जाँच-पड़ताल में शामिल होकर सीआरपीसी की धारा—41 ए के तहत निर्देशों का पालन किया है.
आरोप पत्र में आगे कहा गया है कि अब तक की जांच के आधार पर, बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने के “अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है और उन्हें दंडित किया जा सकता है”. इस मामले में 1599 पन्नों की चार्जशीट, जिसमें 44 गवाहों के बयान और सीआरपीसी 164 के तहत छह बयान दर्ज किए गए थे.
दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में घटनाओं के दौरान खींची गई तस्वीर सहित कई तस्वीरें भी जमा कीं. दिल्ली पुलिस के आरोपपत्र में कहा गया है कि छह शीर्ष पहलवानों की शिकायतों की “अब तक की जांच” के आधार पर, बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने के “अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है और दंडित किया जा सकता है”.
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आरोप पत्र में कहा गया है कि मामले के गवाहों ने उल्लेख किया है कि उन्होंने तत्कालीन डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के शारीरिक रूप से गलत हावभाव को भी देखा था. दिल्ली पुलिस ने पिछले साल 15 जून को बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. यह मामला महिलाओं की शिकायत पर दर्ज किया गया था.
— भारत एक्सप्रेस
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