एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान
Madhya Pradesh: भोपाल में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का आगाज कर दिया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया. उनके साथ कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे. कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने भारत की विज्ञान के प्रति सोच और रुचि की व्याख्या की. उन्होंने बताया कि भारत की सोच वैज्ञानिक है और साइंटिफिक सोच इसकी जड़ो में हैं. मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्जलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कार्यक्रम के आरंभ में प्रसिद्ध नृत्यांगना सुश्री कल्याणी वैदेही द्वारा द्वैत-अद्वैत पर केन्द्रीय ओड़िसी नृत्य प्रस्तुत किया गया. वहीं डिजीटल प्रस्तुतिकरण द्वारा कार्यक्रम के लक्ष्यों का प्रदर्शन भी किया गया.
कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “जिज्ञासा और जिद, विज्ञान की जननी हैं. विज्ञान को प्रौद्योगिकी की जननी माना जाता है. जिज्ञासा ही हमें विज्ञान या गणित के किसी सूत्र को समझने में मदद करती है. लिहाजा, हमारा यह लक्ष्य होना चाहिए कि हम अपनी अधिक से अधिक ऊर्जा जनमानस में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा जागृत करने में लगाएं. लेकिन अगर किसी विषय के लिए जिज्ञासा हो और उसे पूरा करने की जिद न हो तो वह काम कभी पूरा नहीं हो सकता.”
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिद की प्रासंगिकता पर भी बल दिया. उन्होंने कहा, “किसी भी काम में कई गतिरोध आते हैं लेकिन यह जिद ही है, जो हमें उस काम को पूरा करने के संकल्प पर कायम रखती है.” उन्होंने कहा कि जिज्ञासा और जिद के इसी फॉर्मूले को ध्यान में रख कर प्रदेश में विज्ञान तकनीक और नवाचार नीति-2022 लागू की गई है. वैज्ञानिक सोच और समझ को दैनिक जीवन का अंग बनाना, सरकार और समाज में आधुनिक तकनीकों का अधिक से अधिक उपयोग तथा नया सोचने, नया सीखने और नई पहल करने वाली पीढ़ी के निर्माण के तीन बिन्दु हमारी नीति के आधार हैं.
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शैक्षणिक फैकल्टी, शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित थे. इस दौरान एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम स्थल पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया और विज्ञान महोत्सव के 21 जनवरी के न्यूज बुलेटिन का विमोचन भी किया.
पीएम मोदी की सोच वैज्ञानिक
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष तौर पर धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी खुद एक वैज्ञानिक सोच वाले व्यक्ति हैं. उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत की इन क्षमताओं का प्रकतिकरण हुआ है. कोविड काल में आठ माह की कम अवधि में दो वैक्सीन बनाना तथा दुनिया के 100 से अधिक देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराना और विश्व के कई देशों के उपग्रह भारत से लॉन्च करना भारत की प्रतिभा और क्षमता को प्रदर्शित करता है. प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत गौरवशाली, समृद्ध, संपन्न और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में अग्रसर हो रहा है. इसमें विज्ञान और तकनीकी की महत्वपूर्ण भूमिका है जिसे प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सही दिशा प्रदान की है. यह संपूर्ण विश्व स्वीकारता है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की सोच पूर्णत: वैज्ञानिक है.”
भारत भूमि ज्ञान और वैज्ञानिक परंपरा की जननी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भारत की समृद्ध विरासत रही है. भारत भूमि ज्ञान के साथ ही वैज्ञानिक परंपरा की भी जननी है. उन्होंने कहा, ”आज से 7 हजार साल पहले रामायण काल में विमान की कल्पना की गई थी. महार्षि कणाद के परमाणु वाद, भास्कराचार्य के खगोल शास्त्रीय सिद्धांत प्राचीन भारतीय मेधा के प्रमाण हैं. वाराणसी और तक्षशिला औषधि विज्ञान के बड़े केन्द्र रहे. महर्षि सुश्रुत और चरक का चिकित्सा में योगदान अतुलनीय है. आर्यभट्ट और वाराहमिहिर से हमें नवग्रह की जानकारी प्राप्त होती है. भारत का दर्शन यह मानता है कि धर्म और विज्ञान एक-दूसरे समर्थक हैं. प्रसिद्ध वैज्ञानिक श्री सी.वी. रमन ने कहा था कि 20वीं सदी विज्ञान की हो सकती है लेकिन 21वीं सदी वैज्ञानिक अध्यात्म की सदी होगी.”
मध्य प्रदेश में युवाओं को नवाचार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में युवाओं को नवाचार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं. प्रदेश में 2600 से अधिक स्टार्टअप एक साल में आरंभ हुए हैं. केवल बड़े शहरों से ही नहीं, कस्बों से भी वैज्ञानिक सोच के साथ युवा आगे बढ़ रहे हैं. राज्य सरकार सभी तरह के स्टार्टअप और नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
देश-विदेश के वैज्ञानिक हो रहे शामिल
चार दिन तक चलने वाले इस आयोजन में देश-विदेश से विज्ञानी शामिल हो रहे हैं. इस विज्ञान महोत्सव में वैज्ञानिक अपने शोध पत्र भी प्रस्तुत करेंगे. भोपाल के मैनिट में आयोजित इस कार्यक्रम में केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह, प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और एमएसएमई मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद, केन्द्रीय जैव प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव डॉ. राजेश गोखले, पृथ्वी मंत्रालय के सचिव श्री एम. रविचंद्रन, विज्ञान भारती के महासचिव प्रो. सुधीर भदौरिया, सी.एस.आई की महानिदेशक डॉ. एन. कलईसेल्वी, प्रदेश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रमुख सचिव श्री निकुंज श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित थे.
– भारत एक्सप्रेस
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