मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो ट्विटर)
Yogi government started preparations: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने प्रदेश में बड़े विकास की योजनाओं को जमीन पर उतारने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) के दौरान कम से कम 16 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों का शिलान्यास समारोह आयोजित करने की योजना बन रही है. इस निवेश के जमीन पर उतरते ही प्रदेश में विकास की रफ्तार को गति मिलेगी. औद्योगीकरण और विकास के लिए यह कार्यक्रम एक प्रदर्शन होगा.
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और कई केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ दुनिया भर के निवेशकों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा. फरवरी में आयोजित तीन दिवसीय जीआईएस के दौरान, राज्य सरकार ने विदेशी और घरेलू दोनों निवेशकों के साथ 34.09 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए थे.
शिलान्यास समारोह की तैयारियां हुई शुरू
इस मामले में अधिकारियों ने बताया कि “शिलान्यास समारोह के लिए तैयारियां पहले ही शुरू हो चुकी हैं. सरकार के प्रवक्ता ने कहा, सरकार उन निवेशकों के साथ बातचीत कर रही है, जिनके साथ ग्राउंड-ब्रेकिंग समारोह में उनकी भागीदारी के संबंध में GIS के दौरान एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे.” उन्होंने कहा, जो लोग अपने निवेश प्रस्तावों को तुरंत क्रियान्वित करने के लिए तैयार हैं, उन्हें इस समारोह के माध्यम से एक मंच प्रदान किया जाएगा. ऐसे निवेशकों के साथ चर्चा शुरू हो गई है और उनके नामों को जल्द ही अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है.
कई मंत्रियों को सौंपा गया काम
सीएम योगी ने कहा है कि “इस तरीके के प्रत्येक निवेशक के लिए प्रस्तावों, सब्सिडी, भूमि की आवश्यकता के बारे में जानकारी एकत्रित किए जा रहें है. सभी विकास प्राधिकरणों और जिला मजिस्ट्रेटों को भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निर्देश भी जारी किए गए हैं. कई मंत्रियों को यह काम सौंपा गया है कि परियोजनाएं धरातल पर हैं. वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा GIS छतरी के नीचे हस्ताक्षर किए गए प्रत्येक समझौता ज्ञापन की निगरानी की जा रही है.
एक निवेश कार्यान्वयन इकाई प्रत्येक विभाग में स्थापित की जा रही है और अध्यक्षता सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा की जाएगी. क्षेत्रवार निवेश की निगरानी की जिम्मेदारी विशेष सचिव और उससे ऊपर के स्तर के अधिकारियों दी गई है. बहुत जल्द एक कॉल सेंटर भी शुरू किया जाएगा जिससे विदेशी निवेशकों को मदद मिलेगी. ये इकाइयां अपने विभागों के तहत हस्ताक्षरित सभी समझौता ज्ञापनों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगी.”