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दिल्ली में फिर दिखा किसानों का हुजूम, रामलीला मैदान में अपनी मांगों को लेकर करेंगे महापंचायत, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

Ramlila Maidan: यातायात पुलिस अधिकारी ने कहा कि आम लोगों और मोटर वाहन चालकों को सलाह दी गई है कि वे रामलीला मैदान के आस पास के मार्ग, विशेषकर अजमेरी गेट चौक होते हुए दिल्ली गेट से जेएलएन मार्ग पर यात्रा करने से बचें.

KISAN MAHAPANCHAYAT

दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत (फोटो ANI)

Delhi Kisan Mahapanchayat: राजधानी दिल्ली में एक बार फिर किसानों का जमावड़ा देखने को मिला है. सोमवार से दिल्ली के रामलीला मैदान में किसानों की महापंचायत होने जा रही है. इस महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए लाखों की संख्या में किसान आ रहे हैं. इस महापंचायत की अगुवाई संयुक्त किसान मोर्चा करेगा. इस दौरान हजारों-लाखों की संख्या में किसान बसों और अन्य वहानों से यहां पहुंचेंगे. इसको देखते हुए सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं.

दिल्ली पुलिस ने रामलीला मैदान में 2000 से ज्यादा सुरक्षाबलों को तैनात किया है. इसके अलावा दिल्ली की बॉर्डर्स से लेकर रामलीला मैदान तक ट्रैफिक पुलिस के जवानों को भी तैनात किया जाएगा.

‘लाखों की संख्या में पहुंचेंगे किसान’

यातायात पुलिस अधिकारी ने कहा कि आम लोगों और मोटर वाहन चालकों को सलाह दी गई है कि वे रामलीला मैदान के आस पास के मार्ग, विशेषकर अजमेरी गेट चौक होते हुए दिल्ली गेट से जेएलएन मार्ग पर यात्रा करने से बचें. वहीं महापंचायत को लेकर संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं ने दावा किया है कि रामलीला मैदान में करीब एक लाख से ज्यादा एकजुट होंगे. जिसमें दिल्ली के अलावा, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल से लेकर भारत तक के राज्यों से भी किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं.

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क्यों हो रही है महापंचायत ?

किसान यूनियन के साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को जारी एक बयान में कहा, ‘‘न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर वैधानिक गारंटी को लेकर दबाव बनाने के उद्देश्य से किसान महापंचायत आयोजित की जा रही है.’’ बयान में कहा गया है कि विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से लाखों किसान कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दिल्ली आ रहे हैं.

मोर्चा के नेता दर्शन पाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘केंद्र को नौ दिसंबर, 2021 को हमें दिए गए आश्वासन को निश्चित रूप से पूरा करना चाहिए और किसानों के सामने लगातार बढ़ते संकट को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए.’’ मोर्चा ने अब हटाए जा चुके केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक आंदोलन का नेतृत्व किया था.

– भारत एक्सप्रेस

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