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Karnataka Election 2023: पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार ने थामा कांग्रेस का दामन, बीजेपी के लिंगायत वोट बैंक में लगेगी सेंध!

Jagadish Shettar: कर्नाटक में लिंगायत समुदाय की आबादी 18 प्रतिशत है. कहते हैं जिसकी ओर लिंगायत समुदाय होता है सत्ता की चाभी भी उसी के हाथ में नजर आती है.

Jagdish

पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार हुए बीजेपी में शामिल (फोटो ani)

Karnataka Election 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी लड़ाई दिलचस्प होती जा रही है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और 6 बार के विधायक जगदीश शेट्टार ने बीते दिन रविवार को पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी को बड़ा झटका दिया. वहीं आज उन्होंने कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन कर बीजेपी को चुनाव में मुसीबत में डाल दिया है. जगदीश शेट्टार एक वरिष्ठ नेता है और कर्नाटक की राजनीति में उनका एक अलग महत्व है. वह लंबे से समय बीजेपी से हुबली-धारवाड़ मध्य क्षेत्र से टिकट की मांग रहे थे, लेकिन उनको टिकट नहीं मिला. जिसकी वजह से वह बीजेपी से नाराज चल रहे थे.

कर्नाटक में जगदीश शेट्टार लिंगायत समुदाय से आते है और इसलिए वह प्रदेश में इस समुदाय के बेहद खास माने जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि कर्नाटक की राजनीति (Karnataka Politics) में लिंगायत संप्रदाय का काफी प्रभाव है. चुनाव में लिंगायत समुदाय का मूड ही ये तय करता है कि प्रदेश में किसके हाथ में सत्ता की चाभी जाएगी.

लिंगायत समुदाय बढ़ाएगा बीजेपी की मुसीबत

कर्नाटक में लिंगायत समुदाय की आबादी 18 प्रतिशत है. कहते हैं जिसकी ओर लिंगायत समुदाय होता है सत्ता की चाभी भी उसी के हाथ में नजर आती है. बीजेपी के पास से इस बार लिंगायत समाज खिसकता हुआ नजर आ रहा है. वजह है बीजेपी के अंदर आपसी फूट. बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में अब कांग्रेस को पूर्व मुख्यमंत्री शेट्टार का साथ भी मिलेगा. कांग्रेस इस समुदाय को फिर से लुभाने की पूरी कोशिश कर रही है. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का दावा है कि लक्ष्मण सावदी (Laxman Savadi) के बाद उत्तरी कर्नाटक के कई और लिंगायत नेताओं के पाला बदलने की उम्मीद है.

बीजेपी के वोटबैंक पर पड़ेगा असर

बीजेपी के वरिष्ठ नेता येदियुरप्पा को भी लिंगायतों का करीबी माना जाता है. लेकिन उनको मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद से लिंगायत समाज काफी नाराज हुआ था. वहीं जगदीश शेट्टार का बीजेपी छोड़ना कांग्रेस को काफी फायदा पहुंचा सकता है. कर्नाटक में 18 प्रतिशत के करीब लिंगायत समुदाय के वोटर्स हैं, जिन्हें पारंपरिक तौर पर बीजेपी समर्थक माना जाता है. ऐसे  में अब शेट्टार के कांग्रेस में शामिल होने से बीजेपी के इस वोटबैंक में सेंध लगने की आशंकाएं उत्पन्न हो गई हैं.

– भारत एक्सप्रेस

 

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