मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
Delhi: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अपने बंगले के रिनोवेशन को लेकर मुश्किलें बढ़ती हुईं नजर आ रही है. उप राज्यपाल वीके सक्सेना (LG VK Saxena) ने इस मामले में जांच के आदेश दे लिए हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में केजरीवाल पर अपने बंगले के रिनोवेशन के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने की बात कही है. एलजी सक्सेना ने अधिकारियों को अरविंद केजरीवाल के आवास के रिनोवेशन से जुड़े सभी कागजात और फाइलों सुरक्षित करके 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दे दिए हैं.
बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर हमला करते हुए आरोप लगाया है कि 2020 से 2022 के बीच 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित अरविंद केजरीवाल के आवास की मरम्मत पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
आदेश में किया लिखा हुआ है
दिल्ली के मुख्य सचिव को जो आदेश जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि “उपराज्यपाल ने इन मीडिया रिपोर्टों पर ध्यान देते हुए और इस मुद्दे की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए इच्छा जताई है कि इस मामले में सभी रिलेवेंट रिकॉर्ड तुरंत सुरक्षित किए जाएं और जांच में लिए जाएं.” उसके बाद जांच की जाए और मामले की एक रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर पेश की जाए.
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PWD ने दिया था नया घर बनाने का सुझाव
वहीं इस मामले में आप ने बीजेपी पर इस मामले को उठाकर कई जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि सीएम केजरीवाल का सरकारी आवास 1942 में बना था और छत तीन बार गिर चुकी थी. उन्होंने यह भी कहा कि छत गिरने की घटनाओं के बाद, लोक निर्माण विभाग ने एक नया घर बनाने का सुझाव दिया और यह किया गया. उन्होंने दावा किया कि नये मकान के निर्माण पर 30 करोड़ रुपये खर्च किए गए. अरविंद केजरीवाल 2015 में मुख्यमंत्री बनने के बाद सिविल लाइंस वाले इस आवास में रह रहे हैं.
इसके अलावा आप नेता संजय सिंह और राघव चड्ढा प्रधानमंत्री और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के आवासों पर किए गए खर्च का हवाला देते हुए अरविंद केजरीवाल के बचाव में उतर आए थे.